अखिल भारतीय समन्वय बैठक -2021

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं विविध संगठनो मे कार्य करने वाले कार्यकर्त्ताओ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक 5 जनवरी 2021 से कर्णावती महानगर में आयोजित होने जा रही  है. इस बैठक की पृष्टभूमि में आयोजित पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुये संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री अरुणकुमार जी ने बताया कि अपनी ये जो अखिल भारतीय समन्वय बेठक का आयोजन  5,6 ओर 7 जनवरी तीन दिन किया जा रहा है.

इस बेठक में परम पूजनीय सर संघचालक जी श्री मोहन भागवत, सर कार्यवाह माननीय श्री भैयाजी जोशी संघ के अखिल भारतीय अधिकारी ओर संघ की प्रेरणा से विविध संगठनों में कार्य करते हे ऐसे पच्चीस से अधिक संगठनों के अखिल भारतीय अध्यक्ष, महामंत्री ओर संगठन मंत्री ओर कुछ ओर चुने हुए प्रमुख कार्यकर्ता इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय सेविका समिति की प्रमुख संचालिका, सह संचालिका वह भी इस में आमंत्रित हे। वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राम चंद्र जी खराडी अखिल भारतीय विध्यार्थी परिषदके नए अध्यक्ष बने हे छगनभाई पटेल भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्री अध्यक्ष श्री जगत प्रकाशजी नड्डा, भारतीय मज़दूर संघ के श्री हीरेनभाई पण्ड्या, राष्ट्रीय सेविका समिति की प्रमुख प्राचारिका माननीय शांता अक्का,  विश्व हिन्दू परिषद के कार्य अध्यक्ष श्री आलोक कुमारजी, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय आयोजक तमिलनाडु के आर सुंदरम जी ऐसे विद्याभारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राम कृष्णा राव जी इस बेठक में समेलित होंगे ।

समन्वय बैठक कोई निर्णय करने वाला मंच नहीं हे| सभी संगठन स्वतंत्र, स्वायत्त और स्वावलंबी हे सभी संगठन अपने संविधान ओर अपनी व्यवस्था के अंतर्गत कार्य करते हे. सामान्यतः ये सब प्रमुख कार्यकर्त्ता पूरे देश में प्रवास करते हे और बहोत से अनुभवी विशेषज्ञ लोगों से भी मिलते हे अनेक प्रकार की जानकारिया भी उनको प्राप्त होती हे और घूमने के कारण से ओर वर्षों क़ाम करने के कारण से आकलन भी बनते हे, अपने अनुभवो और आंकलनो के आदान प्रदान तथा सबकी जानकारियो का लाभ सभी को हो सके ऐसा इस बैठक का उदेश्य है।

बेठक में लगभग 150 कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे, गत वर्ष एक विशेष चुनोती से पूरे विश्व को गुजरना पड़ा परंतु हम सब के लिए प्रसन्नता की बात ये हे की चुनोती बहोत भीषण थी लेकिन इस भीषण चुनोती में भी भारत ने एक उल्लेखनीय एवं अनुकरणीय उदाहरण दुनिया में प्रस्तुत किया हे. संघ तथा विभिन्न संगठनोंने इस काल खंड में समाज के साथ मिल कर यथा शक्ति योगदान दिया इस साल भर के अंदर किस प्रकार कार्य किया जिसकी समीक्षा होगी, जानकारिया अनुभव एक दूसरे को बताएँगेइस विषम परिस्थिति में भी संगठनों ने अपनी गतिविधि को संचालन किया परिस्थिति की मर्यादा को ध्यान में रख कर नई तकनीक का उपयोग किया और सब को एक अनुभव आया कि इस सारे काल खंड में सब संगठनों का दायरा भी बढ़ा हे ओर काम का विस्तार भी बढ़ा है। अनुवर्तन मैं अनेक योजनाये भी सबने बने है. उनकी जानकारी साँझा करेंगे.

पिछले वर्ष जब अपनी समन्वय बेठक हुई उसने पर्यावरण का संरक्षण ओर अपनी परिवार व्यवस्था सुद्रढ हो उस दृष्टि से समाज के संस्कार की कुछ योजना बने ऐसा विचार हुआ था. इसी कालखंड मे सबको एक अनुभव आया की भारतीय जीवन शैली के प्रति भी लोगो जागरूकता बढ़ी है. परिवार भाव और उसका महत्त्व, स्वदेशी तथा आत्मनिर्भरता के प्रति समाज मैं जागरूकता बढ़ी है. तो अपने अपने संगठनो मैं इस विषयों पर क्या योजना बनी है इस पर चर्चा इस बैठक मैं होगी. श्री राम जन्म भूमि का पर न्यायालय का सर्वसम्मत निर्णय आया ठा\आया था. हिन्दू समाज के इच्छा के अनुरूप भव्य राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रसस्त हुआ था. श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास को यह ध्यान मैं आया की इतने बड़े कार्य मैं समाज का योगदान आवश्यक है इस दृष्टी से न्यास ने समाज के प्रत्येक व्यक्ति के धन योगदान से यह कार्य संपन्न करने का निर्णय लिया है. और इस दृष्टी से घर घर मैं लोगो का संपर्क हो ऐसा आह्वान किया है. इसकी भी चर्चा इस बैठक मैं होगी. इसके अतिरिक्त देश का वर्तमान परिदृश्य और समसामाजिक महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा इस बैठक मैं हो सकती है.

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