छोटी मानसिकता के लोग ही रंग, भाषा और मजहब के नाम पर दुनिया को बांटते हैं – डॉ.मोहन जी भागवत

​साभार – न्यूज़ भारती 

नई दिल्ली, नवम्बर 6 : असहिष्णुता के नाम पर देश को बदनाम करने के माहौल के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने भारतीय संस्कृति का बखान करते हुए कहा कि अनेकता में एकता ही भारत की शक्ति रही है और इसे परेशानी समझने के बजाय इसे उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए। डॉ.भागवत स्वामी चिन्मयानंद की जन्मशती पर आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।

चिन्मय मिशन की ओर से सिरी फोर्ट में आयोजित “नेशन बिल्डिंग थ्रू इंटर फेथ हारमनी इन द स्प्रिट ऑफ वसुधैव कुटुम्बकम” विषय पर बोलते हुए सरसंघचालक ने कहा कि छोटी मानसिकता के लोग ही रंग, भाषा और मजहब के नाम पर दुनिया को बांटते हैं, जबकि खुले विचारोंवाले ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को अपना आदर्श बनाकर समूचे विश्व को ही अपना परिवार मानते हैं। हमारी संस्कृति ने ही विश्व को एक परिवार मानने का महान विचार दुनिया को दिया है।

गौरतलब है कि इस समय कथित असहिष्णुता के मुद्दे पर मीडिया में बयानबाजी और बहस छिड़ी हुई है। देश में असहिष्णुता बढ़ने के कथित माहौल का दुनियाभर में ढिंढोरा पीटने के लिए वामपंथी साहित्यकार सहित मोदी विरोधी वैज्ञानिक, फिल्मकार व इतिहासकार अपने पुरस्कार लौटा रहे हैं। ऐसे में सरसंघचालक के उपर्युक्त बयान को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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