जात-पात एवं वर्ग भेद रहित समाज का निर्माण करने का संकल्प लें – डॉ कृष्ण गोपाल जी

देहरादून (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि देशभर में 50 हजार शाखाओं, 15 हजार मासिक मिलन में सहभाग (जाने वाले) करने वाले स्वयंसेवक तपस्वी के समान होते हैं जो निरंतर राष्ट्र हित में कार्य करते हैं. संघ का मानना है कि हिन्दू समाज में विभिन्न संप्रदाय हो सकते हैं, परन्तु जो प्रत्येक विचार का सम्मान करता हो वह हिन्दू है. हिन्दू समाज का संगठन वर्तमान समय की आवश्यकता है. हिन्दुओं ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, बलात् धर्मांतरण में हमारा विश्वास नहीं. हम वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवंतु सुखिन: को मानने वाले हैं. हिन्दू विराट भाव का मालिक है.

सह सरकार्यवाह 19 अप्रैल रविवार को देहरादून महानगर के एकत्रीकरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. स्वयंसेवकों के एकत्रीकरण कार्यक्रम का आयोजन रेंजर्स कालेज मैदान में किया गया था. प्रांत संघ चालक चंद्रपाल सिंह नेगी जी, महानगर संघचालक गोपाल कृष्ण मित्तल जी मंच पर उपस्थित थे.

समाज में व्याप्त कुरीतियों का उल्लेख करते सह सरकार्यवाह जी ने कहा कि हिन्दू समाज में कुरीतियां बाहर से आये आक्रमणकारियों ने भारतीय समाज पर थोप दीं, जिनमें छुआछूत सहित अन्य शामिल हैं. विदेशी आताताईयों के आक्रमण से पहले समाज में इन बुराईयों का कोई स्थान नहीं था. भारत के जिन स्थानों पर विदेशी आक्रमणकारियों का प्रभाव नहीं रहा, उत्तराखंड के पहाड़ी स्थान, सुदूर दक्षिण एवं पूर्वी प्रांतों के उन स्थानों पर कुरीतियां मौजूद नहीं है.

डॉ कृष्ण गोपाल जी ने बाबा साहेब आंबेडकर जी द्वारा हिन्दू समाज में व्याप्त कुरीतियों के उन्मूलन के लिये किए प्रयासों का उल्लेख करते समाज का आह्वान किया कि जात-पात एवं वर्ग भेद रहित समाज का निर्माण करने का संकल्प लें.

सह सरकार्यवाह जी ने कार्यक्रम में विश्व संवाद केंद्र देहरादून द्वारा प्रकाशित हिमालय हुंकार पत्रिका का विमोचन किया. कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक डॉ हरीश जी, प्रांत कार्यवाह लक्ष्मी प्रसाद जी सहित अन्य उपस्थित थे.

देहरादून महानगर के अंतर्गत 10 नगर व 104 बस्तियां है. कार्यक्रम की तैयारी के लिये प्रत्येक बस्ती और उपबस्तियों में निरंतर बैठकें आयोजित की गईं. साथ ही नगर की समस्त शैक्षणिक संस्थाओं में भी व्यापक संपर्क किया गया, कार्यक्रम के लिये 821 गटनायक बनाए गए. कार्यक्रम की तैयार के दौरान 2633 नए गणवेश बने, 7 नई शाखाएं शुरू हुईं, 8 नए स्थआनों पर मिलन प्रारंभ हुए. निरंतर प्रयास और कार्यकर्ताओं के उत्साह से 4290 स्वयंसेवक गणवेश में कार्यक्रम में सम्मिलित हुए. जिसमें युवा स्वयंसवेकों की उपस्थिति भी काफी अधिक रही.

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