डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम द्वारा इग्नाइट-2014 अवार्ड अर्पण

डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ने बुधवार को भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम-ए) में नेशनल इन्नोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) की ओर से आयोजित इग्नाइट-2014 अवार्ड में 22 बेहतरीन इन्नोवेशन तैयार करने वाले देशभर से आए विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। इस मौके पर एनआईएफ से जुड़े आईआईएम-ए के प्रोफेसर अनिल गुप्ता ने कहा कि देशभर से आए 27000 इन्नोवेशनों में से इन बेहतरीन 22 इन्नोवेशनों को इस अवार्ड के लिए चुना गया है।डॉ.कलाम ने इन्नोवेशन करने वाले इन विद्यार्थियों की सृजनात्मकता की तारीफ करते हुए कहा कि सृजनात्मकता, धार्मिकता और साहस के समन्वय से ही ज्ञान को पाया जा सकता है।

राजकोट जिले के श्री जी.के.धोलकिया हाईस्कूल के आठवीं कक्षा के छात्र शुभ धोलकिया ने ऎसा इन्नोवेशन किया है, जिसकी बदौलत यदि आप एक पैर से विकलांग है, तो भी आप साइकिल चला सकते हैं।  साइकिल में महज 12 सौ रूपए का खर्च करके विकलांग लोग भी आम लोगों की तरह साइकिल चला सकते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ आधा ही पैडल चलाना होगा शेष पैडल उसमें लगाए गए डिवाइस की मदद से स्वत: लग जाएगा। आप गिरें नहीं इसका भी ध्यान रखा गया है।

अवार्ड पाने वालों में वडोदरा जिले के आनंद विद्या विहार के छात्र प्रेयांस कोटेचा और करन खत्री भी शामिल हैं, जिन्होंने माइन्स (खान) में काम करने वाले कामदारों के लिए विशेष हेलमेट तैयार किया है, जिसकी मदद से वो खान के अंदर अपनी जगह के बारे में जान सकते हैं साथ ही जरूरत पड़ने पर अधिकारियों से संपर्क भी कर सकते हैं।

अवार्ड पाने वालों में अहमदाबाद नूतन विद्या विहार हायर सेकन्डरी स्कूल के 12वीं के छात्र खुश कुमार पटेल भी शामिल हैं, जिन्होने एक ऎसी सीट बनाई है, जिसे आसानी से इधर-उधर घुमाया और आगे पीछे किया जा सकता है। इसकी बदौलत वृद्ध, विकलांग व गर्भवती महिलाओं को कार में बैठने में दिक्कत नहीं होगी।

पश्चिम बंगाल के कोलकाता के कलकत्ता इंटरनेशनल स्कूल के छात्र यश गोयनका ने जल्द चार्ज होने वाली बेटरी से जुड़ा इन्नोवेशन करके और तमिलनाडु के थिरूवारूर के सरकारी बॉय हायर सेकेन्डरी स्कूल नन्नीलम के छात्र जी.वासन्थ एवं डी कीर्तिवसन ने जिसमें सभी प्रकार की पिन लग सकें ऎसा स्टेपलर विकसित करके इग्नाइट अवार्ड प्राप्त किया है।

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