इसरो के पूर्व चैयरमैन डॉ ए. एस.किरण कुमार और गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय भाई रुपाणी की उपस्थिति में एबीवीपी के 64 वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन.
गुजरात के कर्णावती (अहमदाबाद महानगर) में साबरमती रिवरफ्रंट पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 64 वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू हुआ। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थान इसरो के पूर्व चेयरमैन व प्रसिद्ध वैज्ञानिक इ.एस. किरण कुमार और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय भाई रुपाणी ने दीप प्रज्वलन कर अधिवेशन का विधिवत् उद्घाटन किया।
एबीवीपी के इस अधिवेशन में अरुणांचल प्रदेश के अंजाओं से लेकर अहमदाबाद कर्णावती तक भारत के विभिन्न राज्यों से 3700 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। 27 दिसम्बर से 30 दिसम्बर तक चलने वाले इस चार दिवसीय अधिवेशन की थीम भारत गौरव पर रहने वाली है। शैक्षणिक, सामाजिक मुद्दों, शहरी नक्सलवाद और अन्य समसामयिक विषयों में चर्चा-परिचर्चा करने के उद्देश्य से इस अधिवेशन में देश के सभी प्रान्तों से विद्यार्थी रहेंगे। विभिन्न सत्रों में विभाजित इस अधिवेशन में 2 महत्वपूर्ण भाषण और 11 समानांतर सत्रों में महत्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श भी किया जाएगा। इस पूरे अधिवेशन को विक्रमसारा भाई नगर नाम दिया गया है। अधिवेशन में लगी भारत गौरव प्रदर्शनी अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय श्री नारायण भाई भंडारी जी के नाम पर रखा गया है।
सत्र के मुख्य अतिथि गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय भाई रुपाणी ने सभी प्रतिनिधियों का गुजरात में स्वागत करते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री बाद में हूँ, पहले एबीवीपी का कार्यकर्ता हूँ। विद्यार्थी परिषद् ने नक्सलवाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद और अलगाववाद को रोकने के लिए एबीवीपी ने प्रयास किए हैं। परिषद् ने शोषित, वंचित और पीड़ित समाज के लिए सामाजिक समरसता जैसे कार्यक्रम किए हैं। राष्ट्र पर जब भी मुसीबत या प्राकृतिक आपदा आई, एबीवीपी ने सराहनीय कार्य किए हैं।
अधिवेशन के उद्घाटक डॉ ई एस किरण कुमार ने कहा कि एबीवीपी के इस अधिवेशन स्थल का नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ विक्रमसारा भाई के नाम पर होने से मैं स्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूँ। मैं एबीवीपी के इस अधिवेशन में लघु भारत को देख रहा हूँ। आप सब युवा भारत को विश्व पटल पर सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं।
गुजरात के कर्णावती में एबीवीपी के 64वें राष्ट्रीय अधिवेशन के आयोजन पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी शुभकामना सन्देश प्रेषित किया है।
प्रधानमंत्री जी ने अपने संदेश में लिखा कि ज्ञान, शील और एकता के ध्येय के साथ चल रहे देश भर के महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं। आगे उन्होंने कहा युवा छात्र-छात्राओं और राष्ट्रहित के विभिन्न विषयों को मुखरता से उठाने में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की भूमिका सराहनीय रही है। मुझे उम्मीद है कि अधिवेशन में बदलते दौर की चुनौतियों, देश के विकास और समाज के प्रति दायित्वों सहित अन्य विषयों पर रचनात्मक, विचारपूर्ण और फलदायी चर्चा होगी।
यह संदेश एबीवीपी की राष्ट्रीय मीडिया संयोजक मोनिका चौधरी ने पढ़कर सुनाया। अधिवेशन उद्घाटन के दौरान राष्ट्रीय महामंत्री आशीष चौहान ने अधिवेशन थीम पर आधारित गीत का भी विमोचन किया।
एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एस सुबैय्या ने कहा मैं तमिलनाडु से हूँ, हिन्दी मेरी मातृभाषा नहीं लेकिन हिन्दी मेरी मातृभूमि की भाषा है।
एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री श्री आशीष चौहान ने कहा कि एबीवीपी ने समाज में संवाद स्थापित किया है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एबीवीपी ने मिशन साहसी जैसे सराहनीय नए प्रयोग किए हैं।
उद्घाटन समारोह में स्वागत समिति के कार्यकारी अध्यक्ष परिन्दू भगत, महामंत्री प्रदीप सिंह बाघेला, स्वागत समिति के संरक्षक सुरेन्द्र काका और बीजल बेन पटेल उपस्थित रहे।