वॉशिंगटन, जनवरी 14 : भारतीय मंगल अभियान से जुड़े दल को अमेरिका की नेशनल स्पेस सोसाइटी (एनएसएस) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्रेणी में ‘स्पेस पायनियर अवॉर्ड-2015’ से सम्मानित करेगा. इस सम्मान का श्रेय भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा सफल और ऐतिहासिक ‘मार्श ऑर्बिटर प्रोग्राम’ को जाता है। इस कार्यक्रम को 20 से 24 मई को आयोजित की जाएगा। भारत पहले ही प्रयास में मंगल के कक्ष में सफलतापूर्वक यान भेजने वाला विश्व का पहला राष्ट्र बन गया था।
एनएसएस का कहना है कि, इसरो ने अपने सीमित संशाधनों के बावजूद अपने मॉर्श ऑर्बिटर कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। भारत का मार्स ऑर्बिटर 5 नवंबर 2013 को लांच किया था , जोकि 24 सितंबर 2014 को मंगल ग्रह के कक्ष में पहुंच गया था।
कनाडा के टोरंटो में आयोजित होने वाले एनएसएस के 34वें इंटरनेशनल स्पेस डेवलपमेंट कांफ्रेंस 2015 के दौरान इस सम्मान से इसरो को सम्मानित किया जाएगा।
इस सम्मान की घोषणा करते हुए एनएसएस ने सोमवार को वॉशिंगटन में कहा कि, ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्रेणी में स्पेस पायनियर अवॉर्ड 2015 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मार्स ऑर्बिटर प्रोग्राम को दिया जाएगा।’
गौरतलब है कि पहले प्रक्षेपण में सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में स्थापित होने के साथ ही मॉर्श ऑर्बिटर पहला ऐसा अंतरिक्ष यान बन गया था, जिसमें हाई रिजॉल्यूशन का कैमरा लगा हुआ था। इस कैमरा से मंगल की रंगीन तस्वीरें लेने में सक्षम है।
इसके अलावा मॉर्श ऑर्बिटर अब तक का सबसे सस्ता अभियान भी है जिसकी लागत अन्य देशों के मंगल मिशन के सामने नहीं के बराबर है।
साभार – न्यूज़ भारती