भारतीय सेना के लिए गौरव के क्षण – सामरिक कौशल की अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में किया स्वर्ण पदक प्राप्त

भारतीय सेना की गढ़वाल रायफल्स ( ८ गढ़वाल ) टीम ने युद्ध कौशल सम्बन्धी विश्व की कठिनतम अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर राष्ट्र को गौरवान्वित किया है | भारतीय सेना की इस टीम ने ब्रिटेन के वेल्स स्थित केम्बेरियन की बर्फीली पर्वत चोटियों पर आयोजित युद्ध कौशल और कठिन परिस्थितियों को झेलने की सामर्थ्य की प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है | इस प्रतियोगिता को “पैट्रोलिंग का ओलम्पिक” भी कहा जाता है | लगभग ५० घंटे लगातार चली इस प्रतियोगिता में टीम को सुरंगी हमलों से बचना,तोपखाने के हमले का मुकाबला,दुश्मन के बंकरों पर धावा बोलना, आकस्मिक दुर्घटना होने पर संभलना दलदल भूमी पर युद्ध तथा सैनिकों को पीठ पर ३० किलो वजन लादकर अपनी रायफलों को बचाते हुए बर्फीले पानी में तैरना आदि कई युद्ध कलाओं की परीक्षा देनी थी तथा इसका आंकलन ब्रिटेन की सेना के उच्च अधिकारियों द्वारा किया गया युद्ध की घडी में इन्हें दुश्मन की टोह लेकर उसकी पूरी गुप्त सूचना मालूम करना भी प्रतियोगिता का अंग था | इस वर्ष विश्व भर से ११९ टीमों ने भाग लिया, जिसमें आस्ट्रेलिया,कनाडा फ़्रांस इटली नार्वे आदि शामिल है | पाकिस्तान ने विशेष रूप से प्रशिक्षित और चयनित टीम को इस प्रतियोगिता में भेजा था परन्तु वे प्रतियोगिता पूर्ण भी नहीं कर पाये |

उत्कृष्ट सामरिक कौशल की इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली कुल पांच में से चार टीमेंब्रिटिश सेना की इकाइयाँ है और भारतीय सेना की टीम एक मात्र समुद्र पार देश की टीम है जिसे यह गौरव प्राप्त हुआ है | प्रतियोगिता के मुख्य आयोजक ब्रिगेडियर मार्टिन गेम्बल ने बताया की भाग लेने वाली टीमों में से एक तिहाई टीमें तो न्यूनतम स्तर तक नहीं पहुँच सकी तथा इसी से पता चलता है की यह प्रतियोगिता कितनी कठिन थी, अत: पदक विजेता टीमें अवश्य प्रशंसा की पात्र है |

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