भारत एक जीवित राष्ट्र पुरुष है, इसके सामने कोई आँख उठायेगा तो उसे छोड़ा नहीं जायेगा – पद्मश्री विष्णुभाई पंड्या

लोकतंत्र रक्षा मंच, अमदावाद द्वारा केरल मे मार्क्सवादियो की अनियंत्रित हिंसा के विरोध मे आज ​” धरना तथा कलेक्टर को आवेदन पत्र” देने का कार्यक्रम किया गया. कलेक्टर ऑफिस के सामने किये गए इस कार्यक्रम में लोकतंत्र रक्षा मंच के संयोजक श्री हर्ष भाई शाह ने उपस्थित महानुभावो तथा जनसमूह का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए कहाँ कि केरल में मार्क्सवादियो द्वारा केवल हिन्दुओ की हत्या नहीं की जा रही है वरन उनकी विचारधारा का विरोध करने वाले सभी को लक्ष्य बनाया जाता है.

लोकतंत्र रक्षा मंच के सदस्य पद्मश्री विष्णुभाई पंड्या ने इस अवसर पर कहाँ कि जब में इस कार्यक्रम में आ रहा था तो कुछ लोगो नए पूछा कि आप तो पत्रकार है आप इस प्रकार के कार्यक्रम में क्यों जा रहे है? मैंने जवाब दिया कि मै कुछ भी हूँ लेकिन राष्ट्र मेरे लिए प्रथम है. भारत एक जीवित राष्ट्र पुरुष है. इसके सामने कोई आँख उठायेगा तो उसे छोड़ा नहीं जायेगा. केरल व् पश्चिम बंगाल अभारतीय विचारधारा चल रही है. 1925 में भारत को लाल रंग से रंगने का सपना कम्युनिस्ट पार्टी ने देखा था. कश्मीर की आजादी मांगने वाले भी ऐसे ही लोग थे. यह संघर्ष भारतीय विचारधारा और अभारतीय विचारधारा के बीच है. जो हत्याए हुई है उसका हिसाब होंगा. मार्क्सवादीओ ने केवल राष्ट्र तोड़ने के प्रयास किये है. उन्होंने सुभाषचंद्र बोस को जापान का एजेंट कहाँ, पाकिस्तान बनने का समर्थन किया, चीन के आक्रमण के समय चीन का स्वागत किया, हैदराबाद के निज़ाम को अलग देश बनाने का समर्थन इन्ही मार्क्सवादियो ने किया था. केरल उनकी प्रयोगशाला है. केरल की हिंसा का विरोध देशभर में होना चाहियें. मार्क्सवाद के विरुद्ध यह लड़ाई युवाओं द्वारा लड़ी जा रही है. इसीलिए जीत निश्चित है.

लोकतंत्र रक्षा मंच के सदस्य तथा साधना साप्ताहिक के न्यासी श्री सुरेश भाई गाँधी ने इस अवसर पर संबोधन करते हुए कहाँ कि 2016 में मार्क्सवादियो की सरकार के शपथ ग्रहण के दिन ही 88 संघ कार्यकर्ताओ के घर जलाये गए. मार्क्सवादी सरकार आते ही मार्क्सवादी बेकाबू हो गए. मार्क्सवादियो के सत्ताकाल में 267 हिन्दुओ की हत्या हुई या उनके हाथ पैर काट डाले गये. Gods own country कहाँ जाने वाला केरल गुंडों की भूमि में Convert हो गया. जैसे कश्मीर से हिन्दुओ को निकला गया वैसा ही षड्यंत्र केरल से हिन्दुओ को निकालने के लिए चल रहा है.

1948 में संघ के द्वितीय सरसंघचालक प.पू. गुरूजी पर चालू कार्यक्रम में हमले का प्रयास किया गया था. स्वामी चिन्मयानंद जी पर भी हमला किया गया. हमलो का यह सिलसिला 1969 में शाखा के मुख्य शिक्षक रामकृष्णन की हत्या से प्रारंभ हुआ जो आजतक निरंतर चालू है. मार्क्सवादी की विचारधारा है कि भारत एक देश नहीं है यह कई राज्यों का फेडरेशन है. इन्होने गाँधीजी, सुभाषबाबु, सरदार पटेल, विवेकानंदजी, दयानंद सरस्वतीजी का भी विरोध किया है. ये वही मार्क्सवादी है जिन्होंने 1962 मे चीन के आक्रमण का स्वागत किया था. इन्ही लोगो ने अफजल, याकूब के नारे व् भारत तेरे टुकड़े होगे कहाँ था. 1940 में जब केरल में संघ का कार्य प्रारंभ हुआ तब मजाक उड़ाया जाता था परन्तु संघ कार्य लगातार बढ़ता ही गया. आज केरल की समस्या पुरे समाज की समस्या है ऐसे में हमारा कर्तव्य है कि इस विषय को समाज के विभिन्न वर्गों तक ले जाएँ और केरल की वास्तविकता से अवगत कराये.

इस अवसर पर श्री. के.आर.एस. धरन –  ट्रस्टी,  श्री नारायण गुरु स्कूल एवं कोलेज, अमदावाद ने कहाँ कि श्री नारायण गुरु 150 वर्षो पूर्व हुए. उन्होंने धर्मांतरण के विरुद्ध अभियान चलाया. समरसता के लिए श्री नारायण गुरु ने उल्लेखनीय कार्य किया. आज श्री नारायण गुरु द्वारा स्थापित मंदिरों पर भी हमले कर उन्हें तोडा जा रहा है. आज केरल में रात को घर से बाहर निकलना सुरक्षित नहीं है. उन्होंने केरल के निवासी होने के नाते पुरे भारत को इस ओर ध्यान दिने की अपील की.

लोकतंत्र रक्षा मंच के सदस्य श्री अशोकभाई रावल ने इस अवसर पर कहाँ कि मार्क्सवादी अत्याचारों के विरुद्ध संघर्ष करना होगा. समाज में एकता लानी होगी. स्वामी विवेकानंद जी ने केरल को पागलखाना कहाँ था क्योकि वहां पर समाज बिखरा हुआ था, अलग मंदिर, अलग कुवां, अलग रास्ता होता था. छुआछुत के कारण कई लोगो ने धर्मान्तरण किया अब इसको समाप्त करना होगा समाज में समरसता लानी होगी.

कार्यक्रम के प्रारंभ में लोकतंत्र रक्षा मंच द्वारा कलेक्टर को आवेदन पत्र दिया गया. कार्यक्रम में समाज के अनेक संगठनो के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे. कार्य्रकम का संचालन श्री नीरवभाई रावल ने किया.

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