भारत का विभाजन अंग्रेजो की सोची समझी चाल थी – इन्द्रेश जी

 अखंड भारत संकल्प दिवस

आनंद (गुजरात) दिनांक 12.08.2015, बुधवार को आनंद नगर (गुजरात) के डी एन हाई स्कूल के महात्मा गाँधी हॉल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य माननीय श्री इन्द्रेश कुमारजी अखंड भारत विषय पर उद्बोधन करते हुए कहा कि  भारतीयों को आज तक पता ही नहीं है की मालद्वीव कभी भारत का ही हिस्सा था.

विभाजन क्यों हुआ? यह जानने के लिए फ्लेश बेक में जाना पड़ेगा. 1857 की क्रांति को दबाने में कुछ हद तक अंग्रेज सफल हुए. 1858 में कलकत्ता में वाइस राय के पीछे लगे  भारत के नक्शे में वर्तमान 15 पडोशी देश अखंड भारत का भूभाग था. भारत की कुल जमीन थी 83 लाख वर्ग किलोमीटर.

1857 से 1947 तक चले 90 वर्ष के संग्राम में 3 करोड़ 12 लाख लोगों की हत्याएं अंग्रेज़ों ने की. प्लेग, हेजे, चेचक जैसी सामूहिक बीमारी का हल न निकाल कर लोगों को बैमौत मरने को छोड़ दिया गया. अंडमान की सेकुलर जेल में काले पानी की सजा स्वतंत्रता सेनानियों को लोहे की जंजीरों में जकड़ लिया जाता, बीमार व् अशक्त होने पर कोई ईलाज की व्यवस्था नहीं होती थी. आदमी मरता तो समन्दर में फैंक दिया जाता. देशभक्तों की ऐसी लाशों पर हम आज स्वतंत्र है.

1930 में रावी के तट पर तत्कालीन कोंग्रेस ने अखंड भारत और पूर्ण स्वराज का संकल्प लिया, लेकिन कोंग्रेस ने 17 वर्षों में ही अपनी ही 17 वर्षो मे ही इसको भुला दिया. देश की जनता से द्रोह कर विभाजन स्वीकार किया. यह विभाजन में 3 करोड़ से ज्यादा लोग विस्थापित हुए, 10 लाख की हत्याए और 4 लाख माता बहनों के साथ बलात्कार हुए.

47 में भारत में तीन प्रमुख ताकतें थी. स्वयं अंग्रेज, नेहरु कोंग्रेस और जिन्ना की मुस्लिम लीग. चौथी ताकत थी प्रिंसेस कौंसिल यानि जो स्वतंत्र रजवाड़े थे और उनकी संख्या 562 थी. सरदार पटेल ने प्रिंसेस कौंसिल को एक छत्र  में लाने का अदभूत  प्रयास किया. जवाहरलाल ने कश्मीर  को विशेष रूप से हेन्डल किया, शेख अब्दुल्ला को पनाह दी, उस समय बहुत बड़ी गलत फहमी थी कि कश्मीर मुस्लिम बहुल था. कश्मीर में आज भी मुस्लिम बहुमत में नहीं है,  लेह लद्दाख बौद्ध और शिया पन्थी एवं जम्मू हिन्दू क्षेत्र है.

श्री इन्द्रेश जी ने बताया कि स्वतंत्रता पूर्व राजस्थान में जैसलमेर एवं अमरकोट हिन्दू सत्ताये थी, दोनों में अनबन थी. अमरकोट ने जैसलमेर जहाँ जायेगा उनके विरूद्ध जुड़ने की बात कही और अपने  को पाकिस्तान में मिला दिया. हिन्दू बहुल अमरकोट आज पाकिस्तान में सर्वनाश की कगार पर है.

अंग्रेज़ों की सोच भारत स्वतंत्र होने के बाद विश्व सत्ता न बने ऐसी थी. जो उन्होंने भारत को विभाजित करने में अपनी सर्व शक्ति झोंक दी. अंग्रेज़ों ने जवाहरलाल नेहरु को अपने आधीन कर लिया, गाँधीज़ी को अलग थलग किया और मुस्लिम लीग को पाकिस्तान का सपना बताया और अपनी इस योजना में अंग्रेज सफल हो गए. स्वतंत्रता के बाद भी भारत का 1 लाख 74 हजार वर्ग किलोमीटर भूभाग पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन, म्यांमार जैसे देशों ने हडप लिया है.

भारत हमारे लिए केवल भूमि नहीं मातृभूमि है. भारत को जमीन का टुकड़ा मानने वाले नेहरु जैसे नेताओं ने भारत का नेतृत्व किया, चीन के हमले पर नेहरु ने कहा “ वहाँ हिमालय में बर्फ में एक तिनका भी नहीं उगता “

भारत के पास 1197 टापू है, 23 400 किलोमीटर अंतर्राष्ट्रीय सीमा है, दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा.  दुनिया में 113 क्रिश्चयन, 72 इस्लामिक देश, 18 बौधिज्म को मानने वाले देश है लेकिन एक दूसरे का गला काटते है.

दुनिया में सबसे ज्यादा नाम से भारत को पुकारा जाता है. हिंदुस्तान, भारतवर्ष, आर्यावर्त, इंडिया, हिन्दु देश. भारत आज विश्व की महासत्ता बनने की दहलीज पर खड़ा है. विदेशी धरती पर भारत माता की जय के नारे लगते है.

मंचस्थ महानुभवो का परिचय जिला संपर्क प्रमुख डॉ. केशवभाई कमालिया ने कराया. कार्यक्रम मे जिला संघचालक मा. श्री हेमंतभाई पटेल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.

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