भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिये जुटा भारतीय कला जगत

नई दिल्ली (इंविसंके). भूंकंप की विभीषिका झेल रहे देशी-विदेशी नागरिकों के दुख-दर्द की इस घड़ी में उनके प्रति संवेदना व्यक्त करने और मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिये भारत के कोने-कोने से आए चोटी के कलाकार ‘ संस्कार भारती ’ के मंच पर एकत्र हुये.

किसी का दुख , किसी की पीड़ा कलाकार की संवेदना को गहरे तक झकझोरती है और वह अपने ढंग से उसे कम करने का प्रयास करता है. कला को समर्पित संस्था संस्कार भारती के तत्वावधान में 14 मई 2015 को यहां तीन मूर्ति भवन सभागार में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह ‘ पीर पर्वत सी… ’ में देश के कोने-कोने से आए 200 से ज्यादा ख्यातिप्राप्त कलाकारों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम ने रेखांकित किया कि भूकंप पीड़ितों के दुख के सागर में भारतीय कला जगत अपनी संवेदना की नाव और पतवार लिये उनके साथ खड़ा है.

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भजन सम्राट अनूप जलोटा और प्रख्यात साहित्यकार नरेन्द्र कोहली के आह्वान पर देश के सुदूर पूर्वोत्तर से लेकर पश्चिमी छोर और उत्तर से लेकर दक्षिणी छोर के कलाकार एकत्र हुये. कला और साहित्य जगत की विभिन्न विधाओं- शास्त्रीय नृत्य-गायन-लोक नृत्य-लोकगायन , रंगमंच , फिल्म, चित्रकला , साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षरों ने भूकंप पीड़ितों के लिये अपनी तरह से योगदान के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की.

कार्यक्रम में कुछ कलाकारों ने अपनी विधाओं के माध्यम से मृतकों को श्रद्धांजलि और अन्य पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की. भरत नाट्यम तथा ओडिसी की विश्वविख्यात विदुषी नृत्यांगना पद्मविभूषण डॉ. सोनल मान सिंह ने मीरा के भजन ‘ हरी तुम हरो जन की पीर, द्रौपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर ’ को संप्रेषणीय भाव-भंगिमा के साथ प्रस्तुत किया. ध्रुपद गायन के विश्वविख्यात कलाकार पद्म श्री उस्ताद वसीफुद्दीन डागर द्वारा ध्रुपद शैली में शिव स्तुति अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक पं. रघुनाथ सेठ के शिष्य पंडित चेतन जोशी ने बांसुरी पर भक्ति संगीत ख्यातिप्राप्त ख़याल और पं भीमसेन जोशी के शिष्य पंडित नागराज हवालदार ने भजन सुनाकर खचाखच भरे सभागार में उपस्थित श्रोताओं को ईश्वरीय अनुभूति की ओर उन्मुख कर दिया.

विश्वविख्यात गायक एवं रंगकर्मी पद्म श्री शेखर जैन की भावांजलि, अभिनेता एवं संस्कार भारती असम के अध्यक्ष प्रांजल सैकिया और गजेन्द्र सोलंकी की काव्यांजलि और प्रसिद्ध भजन गायक पद्म श्री अनूप जलोटा की भावभरी अपील से विभीषिका से पीड़ितों की सहायतार्थ चलाये जाने वाले इस राष्ट्रव्यापी अभियान के प्रति संकल्प दृढ़ हो गया. कार्यक्रम के दौरान अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार तथा संस्कार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष वासुदेव कामथ श्वेत कैनवास पर भूकंप की त्रासदी का रंगाकन करते रहे.

इस श्रद्धांजलि एवं सहायता-संकल्प समारोह में केन्द्र सरकार की ओर से विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू और संस्कृति, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा उपस्थित थे. तीनों मंत्रियों के स्वर में एकजुटता का भाव था. श्री रिजिजू ने जहां सांस्कृतिक रूप से अभिन्न नेपाल की त्रासदी को अपनी त्रासदी कहकर पुकारा, वहीं संस्कार भारती के आयोजन को ऐसा वजनी संदेश देने वाला बताया जिसका प्रतीकात्मक महत्व बहुत ज्यादा है.

संस्कार भारती के संस्थापक 93 वर्षीय बाबा योगेन्द्र जी ने साहित्यकारों एवं कलाकारों से अपनी प्रतिभा के माध्यम से भूकंप पीड़ितों के लिये धन संग्रह की प्रेरणा दी.

 

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