मेरठ (विसंकें). सामाजिक समरसता मंच मेरठ महानगर द्वारा रंगोली मण्डप में सामाजिक समरसता में महिलाओं की भूमिका विषय पर एक महिला गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य मधुभाई कुलकर्णी जी ने सम्बोधित करते कहा कि समरसता किसी भी समाज की प्राण शक्ति है, विषमता से ग्रस्त समाज धीरे-धीरे कमजोर होता चला जाता है. मातृशक्ति के सहयोग के बिना सामाजिक समरसता सम्भव नहीं है. प्राचीन काल से ही मातृशक्ति का सामाजिक समरसता में विशेष योगदान रहा है. उन्होंने मातृशक्ति से सावित्रीबाई फूले का जीवन चरित्र पढ़ने का आग्रह किया और बताया कि सावित्रीबाई ने समाज में नारी जागरण के लिये किस प्रकार संघर्ष किया.
उन्होंने कहा कि समरसता केवल भाषण में नहीं, आचरण में आनी चाहिये. आह्नान किया कि सभी सम्पन्न परिवारों को कमजोर जाति एवं वर्ग के एक परिवार को गोद लेना चाहिये तथा अपने परिवार के समान ही व्यवहार करते हुए उन्हें समाज में आगे बढ़ाना चाहिये.
गोष्ठी में अनेक महिलाओं ने अपने विचार रखे व सामाजिक समरसता में पहल, और प्रयास का संकल्प लिया. गोष्ठी को अध्यक्षा संगीता सिंह एडवोकेट एवं विशिष्ट अतिथि डॉ ममतेश गुप्ता ने भी सम्बोधित किया. गोष्ठी का संचालन पायल अग्रवाल ने किया.