मैसूर : यज़ीदी समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने प. पू. सरसंघचालक श्री मोहनजी भागवत से 1 जनवरी को मुलाकात कर यज़ीदी प्रार्थना पद्धत्ति तथा हिन्दू संस्कृति से समानता आदि के बारे में विचारविमर्श किया।
प्रतिनिधि मंडल के एक सदस्य ने बताया कि यह एक मित्रतापूर्ण मुलाकात थी. हमारे सांस्कृतिक जड़े भारत से जुड़ी हैं. यज़ीदी प्रतिनिधिमंडल मैसूर में 1 जनवरी से 5 जनवरी तक आयोजित पांचवें इंटरनेशनल कान्फ्रेंस एंड गैदरिंग ऑफ एल्डर्स में हिस्सा लेने आया हुआ हैं .
कांफ्रेंस का आयोजन इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडी की ओर से किया जा रहा है. कांफ्रेंस में विश्व के 40 विभिन्न देंशों से 73 संस्कृतियों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं, और सम्मेलन के दौरान अपने विचार सांझा करेंगे.
यज़ीदी कुर्दी लोगों का एक उपसमुदाय है. जेहादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के शिकार लोगों में 50,000 आबादी का वह समूह भी है, जिसने उत्तर-पश्चिमी इराक के पहाड़ों पर शरण ले रखी है। चारों तरफ से ISIS की घेराबंदी के कारण यजीदियों को खाने और पीने की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
यज़ीदी लोगों का अपना अलग यज़ीदी धर्म है। इस धर्म में वह पारसी धर्म के बहुत से तत्व, इस्लामी सूफ़ी मान्यताओं और कुछ ईसाई विश्वासों के मिश्रण को मानते हैं। अधिकतर यज़ीदी लोग पश्चिमोत्तरी इराक़ के नीनवा प्रान्त में बसते हैं, विशेषकर इसके सिंजार क्षेत्र में। इसके अलावा यज़ीदी समुदाय दक्षिणी कॉकस, आर्मेनिया, तुर्की और सीरिया में भी मिलते हैं।