लखनऊ (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि योग जीवन पद्धति है. योग को जीवन में उतारकर योगमय जीवन बनाना चाहिए. सह सरकार्यवाह जी रविवार को विश्व संवाद केन्द्र के अधीश सभागार में पाक्षिक पत्रिका अवध प्रहरी के योग विशेषांक के विमोचन अवसर पर संबोधित कर रहे थे.
सह सरकार्यवाह जी ने कहा कि गीता के अट्ठारह अध्यायों में योग है. हजारों वर्ष पूर्व हमारे पूर्वजों ने योग दिया. योग है क्या, इसे जानना आवश्यक है. अष्टांग योग में एक अंग आसन और एक प्राणायाम है. लेकिन इसके छह और अंग भी हैं. योग मन और शरीर को जोड़ता है. मन को केन्द्रित करना कठिन है. जब मन में सकारात्मकता हो, मन किसी के विरूद्ध न हो, मन लोक कल्याण में लगे, तब हम मन को एकाग्र कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि योग अभ्यास में हम आसन और प्राणायाम करते हैं, वह तो योग का आरम्भ है. हमें योग की पूर्णता के लिये प्रयास करना चाहिए. योग बड़े जगत में प्रवेश का द्वार खेलता है. यह मन पर नियंत्रण के अभ्यास से होगा.
दत्तात्रेय जी ने कहा कि भारत ने समस्त मानवता के लिये सदा सर्वदा के लिए योग प्रदान किया है. इस पर हम भारतीयों और हिन्दुओं को स्वाभिमान होता है. पर्यावरण की चर्चा करते हुए सह सरकार्यवाह जी ने कहा कि विश्व में आज पर्यावरण के साथ गलत व्यवहार हो रहा है, यह भारत में भी हो रहा है. हमारे यहां पहले ऐसी जीवनचर्या नहीं थी. हर कार्यक्रम, उत्सव व मांगलिक अवसर पर पर्यावरण की चिंता करते थे. पांच हजार वर्ष की सभ्यता में ऐसे मंत्र बनाए, नियम बनाए, जिससे पर्यायवरण का संरक्षण हो. पंचवटी, कुटुम्ब पद्धति विश्व के सामने एक उदाहरण है. पर्यावरण के साथ आज जो हो रहा है, वह पतन है. इसके लिये हम भी दोषी हैं. दुनिया में जो हो रहा है, वह यहां भी हो रहा है. हमारे पूर्वजों ने दुनिया को योग, आयुर्वेद, पर्यावरण और संयमित जीवन पद्धति दी है.
योग विशेषांक के विमोचन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त के सह प्रान्त संघचालक डॉ. हरमेश चौहान जी ने भी अपने विचार व्यक्त किये. मंच पर संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपाशंकर जी, भारतीय पुनरूत्थान समिति के कोषाध्यक्ष बाबूलाल शर्मा जी, पत्रिका के संपादक शिवबली विश्वकर्मा जी मौजूद थे. कार्यक्रम में क्षेत्र कार्यवाह रामकुमार वर्मा जी, क्षेत्र प्रचार प्रमुख राजेन्द्र सक्सेना जी, प्रान्त प्रचारक कौशल जी, सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन सर्वेश कुमार सिंह जी ने किया.