मुंबई (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी ने कहा कि राष्ट्र की अखंडता तथा संप्रभुता कायम रखने के लिये समाज का विघटन रोकने की जरूरत है. लोकतंत्रानुसार हम स्वतंत्र हैं, संविधान की दृष्टि से हम सब समान हैं, फिर भी हमारे समाज में समता का अनुभव हमें नहीं मिलता. समाज में सतत बढ़ने वाली इस विषमता को कठोरतापूर्वक समाप्त करने की आवश्यकता है.
सरकार्यवाह सामाजिक समरसता मंच द्वारा मुंबई के महालक्ष्मी रेसकोर्स में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे. सरकार्यवाह भय्या जी जोशी ने कहा कि समग्र विकास की कल्पना करते हुए समाज में फैली विषमता को विराम देने की जरूरत है. अन्यथा विकास की हमारी कल्पना बेअसर साबित हो सकती है. हमारा धर्म, हमारा संस्कार, जीवन पद्धति, भगवान और तत्व ज्ञान एक ही है. फिर भी हमारे व्यवहार में इतना अंतर क्यों है, यह सवाल पूछते हुए भय्या जी ने कहा कि आज एक ही ईश्वर को मानने वाले आपस में शत्रुता फैला रहे हैं. यह सब हमारे अज्ञान के कारण ही हो रहा है. वैचारिक भेद नष्ट होने तक समाज में समरसता दिखना मुश्किल है. समरसता के लिये व्यक्ति के दिल में परिवर्तन होना आवश्यक है.
धर्मसभा में बौद्ध भंते राहुल जी बोधी, देश के विविध तीर्थों के पीठाधीश्वर, राज्यसभा सांसद महंत शंभु प्रसाद महराज, सामाजिक समरसता मंच के केंद्रीय संयोजक भिकुजी इदाते सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे. मुंबई की मेघवाल पंचायत द्वारा 39 जोड़ों का सामूहिक वाह भी धर्मसभा के दौरान संपन्न करवाया गया.