विकास दर का लाभ अंतिम व्यक्ति तक मिले, ऐसी आर्थिक नीति बनानी होगी – डॉ. बजरंगलाल गुप्त जी

लघु उद्योग भारती पश्चिम क्षेत्र के दो दिवसीय अधिवेशन का आयोजन दिनांक 2, 3 जुलाई 2016 को अहमदाबाद मे किया गया. जिसमे गुजरात, महाराष्ट्र तथा गोवा से 400 कार्यकर्ताओ ने भाग लिया. अधिवेशन के समापन समारोह मे मुख्य वक्ता प्रसिद्द चिंतक डॉ. बजरंगलाल गुप्त जी ने कहाँ कि लघु उद्योग भारती को विराट कार्य करने के लिए अभिनंदन. मध्यप्रदेश मे लघु उद्योग मंत्रालय प्रारंभ हो चूका है. लघु उद्योग समस्याओ के समाधान के लिए कार्यरत है. 2008 मे विश्व पर आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा था तब भारत पर उसका असर नहीं था क्योकि भारत की अर्थव्यवस्था मे लघु उद्योग का बहुत बड़ा योगदान है. आज विश्व की सभी महासत्ताये ख़राब हालत मे है.

उन्होंने कहाँ कि भारत की संस्कृति को समझे बिना कोई भी आर्थिक नीति सफल नहीं हो सकती. हमारे देश मे प्लानिंग कमिशन रूस से सीखकर लागु किये गए लेकिन सफल नहीं हो सके. गरीब देश बने रहना भारत की प्रकृति में नहीं है. हमारा देश कभी गरीब नहीं था 200 साल तक अंग्रेजो द्वारा लुटने के बाद भी भारत पर कर्ज नहीं था. इंग्लैंड का कपडा अच्छा माना जाता था लेकिन उस कपडे का रॉ मटिरिअल भारत से जाता था. एक समय जापान की क्वालिटी ख़राब हुआ करती थी. हमारा लघु उधोग विश्व पर प्रभुत्व स्थापित कर सकता है.

आज विषमता बढ़ रही है आर्थिक संम्पन्न वर्ग और निर्धन वर्ग के बीच 5 लाख गुना फर्क है. हमें विकास दर  का लाभ अंतिम व्यक्ति तक मिले ऐसी आर्थिक नीति बनानी होगी. असमानता को दूर करने के लिए लघु उधोग भारती को प्रयत्न करना होगा, सरकार सभी को नौकरी नहीं दे सकती. लघु उद्योगों द्वारा 12 करोड़ लोगो को रोजगार दिया गया है. हमारा सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक ढांचा दुनिया से अलग है. हमारे यहाँ व्यक्ति और समाज के बीच सामाजिक संवेदना है. लघु उद्योग मे भी हमें अपना वेस्टर्न नजरिया बदलना होगा. सबकुछ सरकार नहीं कर सकती. हमें अपने वेस्टर्न नजरिया बदलना होगा वास्तविकता और पालिसी के बीच एक बहुत बड़ा फर्क है जिसे सरकार और उधमियो को साथ बैठकर सुलझाना होगा. केंद्र सरकार की अनेक योजनाये जैसे Skill india, Digital India, Mudra Bank आदि लघु उद्योग के लिए लाभकारी है आज विश्व के सभी देश भारत की और देख रहे है अतः हमारा दायित्व और भी बढ़ जाता है.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती आनंदी बहन पटेल (मा. मुख्यमंत्री, गुजरात) ने अपने उद्भोधन मे कहाँ कि सरकार लघु उद्योगों की समस्या सुलझाने की और प्रयत्नशील है गुजरात मे 118 जी आई डी सी मे अनेक लघु उद्योग कार्यरत है. उनकी समस्याओ के समाधान का प्रयत्न एक साल मे हो जायेंगा एग्रो इंडस्ट्रीज के द्वारा वनवासियो को  लाभ हो उस दिशा मे सरकार कार्यरत है, उन्होंने लघु उद्योग क्षेत्र में हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया.

कार्यक्रम के प्रारंभ मे श्री ओमप्रकाश गुप्ता ( राष्ट्रिय अध्यक्ष, लघु उधोग भारती) ने लघु उद्योग भारती के कार्य की जानकारी दी. स्वागत प्रवचन श्री हितेंद्रभाई जोशी (अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती, गुजरात) तथा आभार प्रवचन श्री निखिलभाई पटेल (पूर्व अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती, गुजरात) द्वारा किया गया.

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