शोक संदेश एवं श्रद्धांजलि

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष आदरणीय श्री जगदेवराम जी उरांव का आज अचानक देहावसान हम सभी संघ स्वयंसेवक तथा कल्याण आश्रम के कार्यकर्ताओं के लिए दु:ख से स्तिमित कर देने वाला नियति का निर्मम आघात है। किशोरावस्था में ही वे कल्याण आश्रम तथा संघ के संपर्क में आए व तब से उनका ध्येयसमर्पित जीवन ध्येय की कठिन साधना में आखरी सांस तक संलग्न रहा। अपने मृदु स्वभाव व परिपक्व बुद्धि के कारण वे सभी कार्यकर्ताओं में प्रेम व सम्मान के अधिकारी बन, कल्याण आश्रम के माध्यम से समाज के वनवासी बंधुओं की आवाज बनकर, नेतृत्व के रूप में उभरे। कल्याण आश्रम के कार्य के साथ ही उनके कर्तृत्व का विस्तार होकर उस कार्य के समान ही वह सभी कार्यकर्ताओं के मन को संभालने वाले तथा कल्याण आश्रम की वैचारिक प्रस्थापना को दृढ़ रखने वाले आधार रूप वटवृक्ष के रूप में उभरे। उनके इस अचानक देहावसान के कारण उनके परिवार जन, कल्याण आश्रम के कार्यकर्ता तथा संघ के स्वयंसेवकों को शीतल छाया देने वाला एक वटवृक्ष चला गया है। हम सब समदु:खी हैं।

इस वेदनादायी प्रसंग में जिस कार्य के लिए स्व. जगदेवराम जी ने अपने संपूर्ण जीवन का उत्सर्ग किया, उस कार्य को उसकी पूर्ण सिद्धि तक पहुँचाने का कर्तव्य भी अभी शेष है। उस कर्तव्य पथ पर सतत आगे बढ़ते रहने का धैर्य, तितीक्षा, संगठन कुशलता इत्यादि गुणों का भी स्वर्गीय जगदेवराम जी की स्मृति ही हमको प्रदान करती रहेगी। उनकी इस पवित्र स्मृति में अपनी व्यक्तिगत तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से श्रद्धांजलि अर्पण करते हुए दिवंगत जीव की शांति व सद्गति के लिए हम प्रार्थना करते हैं।

मोहन भागवत, सरसंघचालक                                       सुरेश (भय्याजी) जोशी, सरकार्यवाह

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ                                                  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

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