हमें आज का प्रधानमंत्री जी का वक्तव्य मंदिर निर्माण की दिशा में सकारात्मक कदम लगता है। प्रधानमंत्री ने अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर बनाने के संकल्प का अपने साक्षात्कार में पुनः स्मरण करना यह भाजपा के पालमपुर अधिवेशन (1989) में पारित प्रस्ताव के अनुरूप ही है। इस प्रस्ताव में भाजपा ने कहा था कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर बनाने के लिए परस्पर संवाद से अथवा सुयोग्य क़ानून बनाने (enabling legislation) का प्रयास करेंगे।
श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए संविधान के दायरे में उपलब्ध सभी संभाव्य प्रयास करने का वादा किया है। भारत की जनता ने उनपर विश्वास व्यक्त कर भाजपा को बहुमत दिया है। इस सरकार के कार्यकाल में सरकार वह वादा पूर्ण करे, ऐसी भारत की जनता की अपेक्षा है।
– दत्तात्रेय होसबले, सह सरकार्यवाह (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
We feel that the statement by Prime Minister is a positive step in the direction of Temple Construction. The Prime Minister reiterating the resolve to construct a grand Sri Ram Temple in Ayodhya in his interview is in tune with the resolution passed by BJP at Palampur in 1989. In this resolution the BJP had stated that they would try to construct the grand Sri Ram Temple at Ram Janmabhoomi in Ayodhya through mutual dialogue between the two communities or by enabling required legislation.
Even in the 2014 Election Manifesto prepared under the leadership of Shri Narendra Modi, the BJP promised to explore all possibilities within the framework of the Constitution to facilitate the construction of the Ram Temple in Ayodhya. The people of Bharat have reposed complete confidence and gave BJP the full mandate. The people of Bharat expect this government to fulfil the same promise during this tenure.
– Dattatreya Hosabale, Sah Sarkaryavah (RSS)