आगरा (विसंकें). कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. निर्मल खत्री द्वारा फेसबुक पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरूद्ध किए गए फर्जी पोस्ट मामले में आगरा पुलिस ने शुक्रवार को एफआईआर दर्ज कर ली है. सदर थाना में दर्ज हुई प्रथम सूचना रिपोर्ट में पुलिस ने डॉ. निर्मल खत्री व अन्य दो व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1980 के तहत 469 व सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 बी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है.
पुलिस ने बताया कि स्वयंसेवक अजीत कुमार पुत्र सुल्तान सिंह चाहर निवासी ग्राम नगला भूरिया, मलपुरा, आगरा की शिकायत पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. निर्मल खत्री के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है. निर्मल खत्री ने अभी हाल ही में 3 दिसंबर को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट किया था, जिसमें आगरा के स्वयंसेवक अजीत कुमार को चैन्नई आपदा में चोरी के आरोप में पुलिस के साथ दिखाया गया था. उन्होंने पोस्ट के ऊपर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए लिखा था कि ‘चैन्नई में मदद के बहाने चोरी करते पकड़ा गया संघ का स्वयंसेवक’. बाद में पता चला कि पोस्ट में दर्शाया स्वयंसेवक अजीत चाहर चैन्नई गया ही नहीं था और जो फोटो पोस्ट में दर्शाया गया था, वह सन् 2012 में संघ द्वारा निकाली गई साईकिल यात्रा का था.
झूठा पोस्ट देखने के बाद आहत स्वयंसेवक अजीत चाहर ने पुलिस से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा. जिसके परिणाम स्वरुप पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि एफआईआर के मुताबिक फेसबुक पोस्ट में संघ के स्वयंसेवक के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा व भावनाओं को आहत करने पर डॉ. निर्मल खत्री पर दोष सिद्ध होने पर 6 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है.
मानवता के प्रति समर्पित संघ के सेवा कार्य
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व अनुशांगिक संगठन एवं स्वयंसेवकों द्वारा करीब एक लाख पचपन हजार सेवा प्रकल्प देशभर में संचालित है. वनवासी, आदिवासी, शहर और गांव में उपेक्षित, वंचित, अशिक्षित एवं आर्थिक रुप से कमजोर, देशवासियों की सेवा के अतिरिक्त आपदाओं के समय संघ के स्वयंसेवक बिना भेदभाव के समर्पण के साथ समाज व देश की सेवा में सबसे आगे रहते है. देशभर में आंकड़ों की दृष्टि से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा प्रकल्प देश के विभिन्न प्रांतों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक, आर्थिक विकास व राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रसार हेतु अनवरत रुप से संचालित है. देश की राष्ट्रविरोधी शक्तियों को स्वयंसेवकों के राष्ट्र व मानवता के प्रति समर्पित यह सेवा कर्तव्य कार्य भाते नहीं है. दुर्भाग्य है कि इस आचरण में मर्यादा को भी लांघा जा रहा है. सेवा करने वाले कार्यकर्ताओं पर झूठे आरोप लगाकर सीधे संघ को बदनाम करने का दुष्कृत्य दैवीय आपदाओं के समय भी मानवता की हत्या करने पर तुला है.
क्या है चैन्नई आपदा से जुडे़ फेसबुक पोस्ट की सच्चाई
संघ के स्वयंसेवकों ने जब चैन्नई आपदा में बाढ़ पीडि़तों के बीच सेवा कार्य का मोर्चा संभाला, तभी से फेसबुक पर स्वयंसेवकों के सेवा कार्यो की प्रशंसा करने की बजाय उन्हें बदनाम करने का प्रयास राष्ट्रविरोधियों द्वारा किया जा रहा था. दिसंबर की शुरुआत में फेसबुक पर लगातार कभी चोरी तो कभी सीनाजोरी के आरोप लगाकर फर्जी पोस्ट डाले जा रहे थे और उन्हें प्रसारित किया जा रहा था. लेकिन, दुष्प्रचार करने वालों को मां भारती के न्याय और सत्य सनातन परंपरा का भान नहीं रहा और फेसबुक पोस्ट की सत्यता विश्वभर के सामने जल्द ही आ गई.
फेसबुक पर जिस पोस्ट को कथित चैन्नई आपदा से जोड़कर संघ को बदनाम करने के लिए पोस्ट किया गया था. दरअसल पोस्ट में फोटो चैन्नई के स्वयंसेवक का ना होकर आगरा में 2012 में संघ द्वारा निकाली गई एक साईकिल यात्रा का निकला. उस समय पुलिस ने स्वयंसेवकों पर लाठीचार्ज किया था, बाद में आगरा के तत्कालीन जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक द्वारा लिखित में खेद भी व्यक्त किया गया था. इसी फोटो को चैन्नई से जोड़कर संघ को बदनाम करने के आरोप में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरु कर दी है.