संघ शिक्षा वर्ग, तृतीय वर्ष (विशेष) राष्ट्रीय एकात्मता की प्रत्यक्ष अनुभूति का केंद्र है. ‘हम सब एक हैं’ का अनुभव यहाँ होता है और यह अनुभव हम सबको लेना चाहिए ऐसा आवाहन आज नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह माननीय श्री भागय्या जी ने किया. रेशिमबाग, नागपुर स्थित स्मृति मंदिर परिसर के महर्षि व्यास सभागृह में संघ शिक्षा वर्ग वर्ष (विशेष) के उद्घाटन सत्र में वे शिक्षार्थियों को संबोधित कर रहे थे.
संघ शिक्षा वर्ग के लिए देश के विभिन्न प्रांतो से आए शिक्षार्थियों का स्वागत कर उन्होंने कहा कि इस वर्ग में सम्मिलित होने की हम सबकी कई वर्षों से प्रतीक्षा रहती है. इस विशेष वर्ग में आए हम सब अनुभवी कार्यकर्ता है. अपने शास्त्रों में बताये गए धैर्य, क्षमा, संयम, अस्तेय, शौच, इंद्रिय निग्रह, बुद्धि,विद्या, सत्य एवं क्रोध पर विजय जैसे सद्गुणों की उपासना न केवल इस वर्ग में करनी है अपितु आजीवन यह सद्गुण अपने जीवन में हो इसके लिए प्रयासरत रहना है.अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि अपने ध्येय के प्रति अटूट निष्ठा, विचारधारा की स्पष्टता, आत्मीयता ,कठोर परिश्रम, एवं अनुशासन, यह संघ स्वयंसेवकों के विशेष गुण है. अपने आचरण द्वारा इन गुणों का प्रकटीकरण इस वर्ग में होना चाहिए. सभी शारीरिक कार्यक्रमों में हमको भाग लेना चाहिए. विशेष रुप से योग और आसन में हमें प्रवीण बनना चाहिए. संघ की विविध गतिविधियों के बारे में मन में स्पष्टता होनी चाहिए. यह वर्ग हमारी एक साधना है.
इस 25 दिन की साधना में हम पूरे मन से सम्मिलित हों ऐसा आवाहन उन्होंने इस अवसर पर किया एवं वर्ग को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए सभी को शुभकामनाएं दी.इस विशेष वर्ग में सम्पूर्ण देश से 40 से 65 आयु के चयनित शिक्षार्थी सम्मिलित हुए हैं. इस वर्ष विभिन्न प्रांतोसे कुल 852 शिक्षार्थी आये हैं. वर्ग के सर्वाधिकारी मा. श्री. गोविन्द जी शर्मा (अध्यक्ष, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत) हैं. वर्ग के कार्यवाह श्री. सुभाष जी आहुजा (प्रान्त कार्यवाह, हरियाणा) हैं. वर्ग के पालक अधिकारी श्री राजेंद्रकुमारजी (अ. भा.सह प्रमुख,धर्म जागरण समन्वय विभाग) हैं. कार्यक्रम में मा.श्री. मुकुंद जी (मा. सहसरकार्यवाह), मा. श्री. सुनील जी कुलकर्णी (अ.भा.शारीरिक प्रमुख) मा.श्री.स्वांत रंजन जी ( अ.भा.बौद्धिक प्रमुख), मा. श्री. सुनील भाई मेहता ( अ. भा. सह बौद्धिक प्रमुख) एवं मा. श्री. मंगेश जी भेंडे (अ.भा. व्यवस्था प्रमुख) उपस्थित थे.