VSK-Gujarat, 11.06.2018
सामाजिक समरसता मंच एवं सेवा भारती, गुजरात द्वारा U.P.S.C एवं G.P.S.C. मे इस वर्ष उत्तीर्ण हुए अनुसूचित जाति के विधार्थियो का सम्मान कार्यक्रम.
सामाजिक समरसता मंच एवं सेवा भारती, गुजरात द्वारा U.P.S.C एवं G.P.S.C. मे इस वर्ष उत्तीर्ण हुए अनुसूचित जाति के विधार्थियो को सम्मानित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम मे U.P.S.C मे उत्तीर्ण हुए 4 विधार्थी एवं G.P.S.C. मे उत्तीर्ण हुए 24 विधार्थियो को कार्यक्रम के अध्यक्ष गुजरात के महामहिम राज्यपाल श्री ओ.पी. कोहलीजी एवं अतिथि विशेष एडी.डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस (गुजरात) श्री अनील प्रथम (IPS) की उपस्थिति में इन विद्यार्थियो को सम्मानित किया गया.
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री सुनील भाई महेता (अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख, रा.स्व.संघ) ने कहाँ कि मनुष्य जीवन में तीन पड़ाव आते है. पहला पड़ाव तब आता है जब विद्यार्थी कॉलेज में प्रवेश लेता है. वहां से उसके Career का प्रारंभ होता है. दुसरा पड़ाव आता जब कॉलेज पूराकर आर्थिक उपार्जन के लिए कार्य करता है. तीसरा पड़ाव कॉलेज पूरी कर जब विद्यार्थी गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करता है. तथा परिवार कर निर्वहन करने का दायित्व उसपर आता है. ये तीनो पड़ाव जीवन के Turning Point है. और जहाँ Turn आता है वही पर पर दुर्घटना होने की सम्भावना सबसे ज्यादा रहती है. अत: यहाँ सबसे अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता रहती है. इन तीनो पडावो से जब हम निकलते है तब यदि हम ठीक प्रकार से अपने जीवन, अपने Career को संभालेगे तो सफल रहेंगे.
अपनी सफलता के बीच जिनका स्मरण हमें हमेंशा रहना चाहिए उसमे सर्वप्रथम है माता-पिता जिन्होंने अनेक तकलीफों के बीच हमें अपनी इच्छाओं अपनी मनोकामनाओ को परिपूर्ण करने के लिए संपूर्ण सबल किया. अतः जीवन में हम चाहे जहाँ पहुचे हमेशा माता-पिता के ऋण को याद रखना चाहियें.
दुसरे आते है हमारे शिक्षक जिन्होंने हमारे अंदर पड़ी शक्ति को बाहर निकला, हमें योग्य मार्गदर्शन दिया उनका भी ऋण हमारे ऊपर हमेंशा रहता है. जितने भी सफ़ल महापुरुष हुयें है उन सभी ने अपने माता-पिता को, अपने शिक्षको को अपनी प्रगति का सहभागी बनाया है. आप लोगभी अपने माता-पिता, अपने शिक्षको को अपनी सफलता के लिए मन से स्मरण करेंगे यह अपेक्षा है.
U.P.S.C / G.P.S.C. की परीक्षा आपने पास की है अत: Administrative Services में आपकी कैरिअर बनने वाली है. कठोरतम परिश्रम के कारण इसमें सफलता प्राप्त होती है. आपके Career में स्वामी विवेकानंदजी के ये शब्द याद रखने चाहियें “ Be strong, be brave. Strength is life, weakness is death, stand up… stand up…, Be strong India calls for hero’s, be heroic. Stand firm like a rock” अनेक परिस्थितिओ में आप इस असमंजस में आयेंगे कि आप क्या करे? उस समय उपरोक्त शब्द याद रखने की आवश्यकता है. कितनी भी कठिन परिस्थिति में हम विचलित नहीं होंगे. समाज के लिए, देश के लिए काम करने के लिए हम कटिबद्ध रहेंगे. ऐसी दृढ़ इच्छाशक्ति वाले यह कार्य संभाले यह अपेक्षा है. आपको भी इसमें सफलता मिले ऐसी मे परम कृपालु परमात्मा से प्रार्थना करता हूँ.
आपको सभी को साथ मे लेकर समरसता के भाव के साथ कार्य करने की आवश्यकता है. देश के लिए, समाज के लिए जब आपको काम करने का अवसर मिला है तब यह आवश्यक है कि पहले भारत को जानों, भारत को जानों यानि भारत के समाज भारत की प्रकृति को जानने की आवश्यकता है. दूसरा भारत को मानों यानि भारत की क्षमता जो कार्य विदेशी कर सकते है वह हम भी कर सकते है एक साथ 100 उपग्रह छोड़ने वाला भारत ही है, हमें अपनी क्षमता पर विश्वास होना चाहियें. तीसरा भारत के बनों अनेक समस्यों, प्रतिकूलता के बादभी हम भारतीय है यह मानो. क्योकि जब हम भारत के बनेगे उसके बाद ही भारत को बनाने की बात आयेगी यानि हमें समाज के लिए क्या करना चाहियें ? कैसे करना चाहिये? यह बात आयेंगी. आप सभी के हाथ में भारत को बनाने का सुअवसर आया है मुझे ऐसा लगता है कि इन तीनो बातों का विचार करके आप आगे बढ़ेगे तो योग्य रीत से जैसा भारत को बनाना है वैसा भारत जैसी अपनी अपेक्षा है फिर से एकबार विश्वगुरु के स्थान पर भारत विराजमान होगा.
स्वामी विवेकनंद जी ने कहाँ है कि भारत का मिशन है आध्यात्मिकता दुनिया को आध्यात्मिकता का संदेश भारत ही देगा और यह करने के लिए आप सब को जो मौका मिला है तो फिर से एक बार भगवान से प्रार्थना है कि आप लोगो के द्वारा भारत का उत्थान में सहभागी हो.
इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल श्री ओ.पी. कोहलीजी द्वारा सभी उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियो को अभिनंदन देते हुए कहाँ कि आप लोग जनता की अपेक्षाओ को समझकर उन्हें पूरा करने का करेगे ऐसी अपेक्षा है. प्रसाशनिक सेवा सरकार एवं जानता के बीच का सेतु है.जितना यह सेतु मजबूत होंगा उतना ही सरकार को जनता तक पहुचना आसन होंगा.
कार्यक्रम के अतिथि विशेष एडी.डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस (गुजरात) श्री अनील प्रथम (IPS) ने इस अवसर पर प्रसंगोचित प्रवचन कर सफल हुए विधार्थियो को अभिनंदन देते हुये सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की.