समाचार को सत्य, मंगलकारी और सकारात्मक होना चाहिए – जे. नंद कुमार जी

नोएडा. प्रेरणा मीडिया नैपुण्य संस्थान द्वारा दो दिवसीय नागरिक पत्रकारिता प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुआ. इसमें नोएडा के साथ-साथ वैशाली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और दिल्ली के कुल 58 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. समापन सत्र के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे. नन्द कुमार जी थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार बल्देव भाई शर्मा ने की. शिविर के 23 जुलाई को उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक केजी सुरेश थे.

शिविर के समापन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे. नन्द कुमार जी ने कहा कि पत्रकारिता सत्यं शिवं सुंदरम की अभिव्यक्ति है. समाचार को सत्य होना चाहिए, मंगलकारी होना चाहिए तथा सुंदर अर्थात् सकारात्मक भी होना चाहिए. दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि आजकल समाचारों में एकांगी सत्य परोसा जा रहा है. आज समाज को बांटने के लिए पत्रकारिता हो रही है. आज की पत्रकारिता मिशन की जगह व्यावसायिक हो रही है. उन्होंने कहा कि यह नागरिक पत्रकारिता का युग है. सोशल नेटवर्किंग साइट के साथ-साथ प्रिन्ट और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया में भी नागरिक पत्रकारिता को महत्ता मिल रही है और इसके माध्यम से समाज जीवन में नई चेतना जाग रही है. आज सोशल मीडिया के कारण समाज जीवन की अभिव्यक्ति को दबाना कठिन हो गया है. अब पत्रकारिता में गेटकीपिंग की व्यवस्था के कारण लोग सोशल मीडिया की तरफ उन्मुख हो रहे हैं. इस नवीन माध्यम ने संचार में फीडबैक की महत्ता को आत्मसात किया है. यही कारण है कि यह सही अर्थों में लोक माध्यम बन गया है. उन्होंने विभिन्न प्रांतों से नागरिक पत्रकारिता प्रशिक्षण के लिए आये प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी और नागरिक पत्रकारिता के विभिन्न मंचों का सदुपयोग करने की प्रेरणा दी.

कार्यशाला के पहले दिन केजी सुरेश ने कहा कि सोशल मीडिया भी नागरिक पत्रकारिता में महत्वपूर्ण हथियार साबित हो सकता है. साथ ही एक जागरुक नागरिक को संपादन के नाम पत्र आदि गतिविधियों द्वारा अखबारों, टीवी समाचार चैनलों, पत्रिकाओं से संवाद स्थापित करना चाहिए. पाठकों व दर्शकों के फीडबैक के जरिए समाचार संस्थाओं को उनकी रुचि और वह क्या चाहते हैं, इसका पता चलता है.

तीसरे सत्र में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार भगत ने समाचार की अवधारणा, तत्व एवं प्रकार पर विस्तार से प्रकाश डाला. पत्रकारिता के विभिन्न माध्यमों के संबंध में प्रो. अनिल निगम तथा इलैक्ट्रॉनिक मीडिया की बारीकियों के बारे में राकेश योगी ने विस्तार से बताया.

मीडिया कार्यशाला के दूसरे दिन गलगोटियाज विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के डीन प्रो. अमिताभ श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया, इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय दिल्ली के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. सीपी सिंह ने नागरिक पत्रकारिता तथा मानव रचना विश्वविद्यालय फरीदाबाद के पत्रकारिता विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश नायक ने पत्रकारिता की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वर्तमान चुनौतियों से अवगत करवाया.

राष्ट्रवाद की पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां विषय पर वरिष्ठ पत्रकार बल्देव भाई शर्मा ने विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भारत में राष्ट्रवाद की अवधारणा अनादि काल से रही है. भारत के लोगों की सांस्कृतिक चेतना ही उसे एक राष्ट्र के रूप में व्याख्यायित करती रही है. यह ठीक है कि अंग्रेजों के शासन से पूर्व भारत अनेक रियासतों में बंटा था, किन्तु हमारी सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय धरोहर के कारण निर्मित पहचान तथा चिंतन परंपरा भारत को एक राष्ट्र के रूप में महिमामंडित कर रहा है. उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता उत्तर क्षेत्र प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर ने नागरिक पत्रकारिता प्रशिक्षण शिविर की उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख माननीय कृपाशंकर जी ने मीडिया कार्यशाला के कार्य योजना के विषय में विस्तार से बताया.

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