समाज जागरण के लिए सामाजिक-धार्मिक संगठनों को साथ जोड़ेगा संघ – अरुण कुमार

बेंगलुरु. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि समाज में कार्यरत सामाजिक, धार्मिक संगठनों को साथ लेकर समाज व्यापी, राष्ट्र व्यापी सामाजिक शक्ति खड़ी करना ही संघ का लक्ष्य है. संघ समाज की सामूहिक शक्ति के जागरण का कार्य कर रहा है. देश समाज के लिए कार्य करने वाले समान विचार के समस्त लोगों, संगठनों को साथ जोड़ना इस दिशा में भी संघ प्रयास कर रहा है.

वे बेंगलुरु में 19, 20 मार्च को होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (जनसेवा विद्या केंद्र, बेंगलुरु) के संबंध में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस वार्ता में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल के एक साल में भले ही संघ की प्रतिदिन की गतिविधियां कम थीं, लेकिन स्वयंसेवकों, कार्यकर्ताओं का समाज में संपर्क बहुत बड़ा था. इस काल में अनेक सामाजिक- धार्मिक संगठन, समाज के लिए कार्य करने वाले लोग हमारे निकट आए, हमसे जुड़े, हम अनेक नए स्थानों पर पहुंचे. इसे देखते हुए ऐसी योजना करने वाले हैं कि सभी को साथ लेकर समाज जागरूकता के लिए क्या-क्या कर सकते हैं, इसे लेकर भी बैठक में चर्चा होगी.

हर तीन साल में हम कार्य की समीक्षा करते हैं. पिछले तीन वर्षों संघ कार्य के विस्तार, ग्राम विकास, पर्यावरण संरक्षण (विशेषकर जल संरक्षण, पौधारोपण, प्लास्टिक का कम से कम उपयोग), सामाजिक परिवर्तन को लेकर योजना तय की थी. प्रतिनिधि सभा में तीन साल में किये कार्य को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा होगी कि हम कहां तक पहुंच पाए. सामाजिक परिवर्तन (सोशल ट्रांसफ़ॉर्मेशन) के कार्य में कितना आगे बढ़ सके. इसके साथ ही आने वाले तीन सालों की योजना पर भी चर्चा होगी, हमारी दिशा क्या होनी चाहिए, इस पर भी बैठक में चर्चा होगी.

उन्होंने कहा कि संघ ने अपने कार्य की दृष्टि से 60 हजार मंडल, 60 हजार बस्ती बनाई हैं. इनमें से लगभग 65 हजार स्थानों पर संघ की पहुंच है. इन स्थानों पर प्रत्येक परिवार तक संघ की पहुंच हो, कार्य विस्तार की दृष्टि से ऐसा संघ का प्रयास है.

उन्होंने कहा कि बेंगलुरू में 19 और 20 मार्च को प्रतिनिधि सभा होगी. आज शाम से कल शाम तक कार्यकारी मंडल की बैठक रहेगी. अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा संघ की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च ईकाई है. निर्णय प्रतिनिधि सभा में ही लिए जाते हैं.

पिछले वर्ष भी प्रतिनिधि सभा बेंगलुरु में होनी थी, लेकिन परिस्थितियां बदलीं. कोरोना के कारण स्थगित करने का निर्णय लिया गया. इस बार निश्चित हुआ कि बेंगलुरु में ही प्रतिनिधि सभा की जाए.

कोरोना के कारण संघ का भी नियमित काम प्रभावित रहा. लेकिन संघ सरकारी नियम व्यवस्था का पालन करता है और इसीलिए संघ ने अपनी महत्वपूर्ण प्रांत प्रचारक बैठक स्थगित की, इसी प्रकार कार्यकारी मंडल की बैठक भी एक स्थान के बजाय 11 स्थानों पर की.

प्रतिनिधि सभा में 1500 लोग अपेक्षित रहते हैं. लेकिन कोरोना का संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है, इसलिए पहले से ही ध्यान में रखकर तय किया और न्यूनतम आवश्यकता को देखते हुए 450 लोगों को बुलाया. साथ ही तीन दिन के स्थान पर दो दिन की बैठक रखी. उन्होंने कहा कि संघ कार्य की दृष्टि से 44 प्रांत बनाए हैं, इन प्रांतों के निर्वाचित प्रतिनिधि व अन्य लगभग 1000 लोग 44 स्थानों से ऑनलाइल माध्यम से बैठक में जुड़ेंगे.

उन्होंने कहा कि 19 मार्च सुबह बैठक शुरू होगी, पहला सत्र 8.30 से प्रारंभ होगा. 9 बजे प्रेस वार्ता रहेगी. सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य जी प्रेस वार्ता में रहेंगे. वार्षिक प्रतिवेदन के साथ ही प्रस्तावों के संबंध में जानकारी देंगे. हर तीन साल में सरकार्यवाह का चुनाव होता है तो 20 मार्च को दूसरे सत्र में सरकार्यवाह के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी.

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