26.05.2018
नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा विभाग की वेबसाइट www.sewagatha.org का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले जी ने मावलंकर सभागार में किया गया. इस अवसर पर सेवागाथा एप का भी लोकार्पण किया गया. सह सरकार्यवाह जी ने कहा कि सेवा विभाग द्वारा सेवा के कार्यों को लोगों के सामने लाने तथा सेवा के महत्व को बताने के लिए सेवा विभाग की वेबसाईट का लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
उन्होंने कहा कि दैवीय, प्राकृतिक आपदाओं के समय सबसे पहले आरएसएस के स्वयंसेवक पहुँचते ही हैं, अब यह समाज में सहज रूप से माना जाने लगा है. स्वयंसेवकों द्वारा समाज के संकट काल में संघ लोगों की संवेदनाएं जगाने का कार्य करता है. मजदूर, अभावग्रस्त लोगों की जहां जो आवश्यकता, वहां स्वयंसेवक उसे समाज के माध्यम से पूरा करते हैं. स्वामी विवेकानंद का सन्दर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि भूखे व्यक्तियों को प्रवचन देने से पहले उनको रोटी दो, यही उनके लिए उद्धार है. पहले उनकी मूल आवश्यकताओं को पूरा करो, बाद में उनमें अध्यात्म जागृत करो.
उत्तराखंड बाढ़ के समय सेवा भारती के राहत कार्यों की प्रशंसा करते हुए दत्तात्रेय जी ने कहा कि अनेक दशकों से इसी तरह जैसे लातूर आदि अनेक स्थानों में त्वरित राहत कार्य और पुनर्वास कार्य करवाए. आज भी लातूर में छात्रावास, चिकित्सालय 22 वर्षों बाद भी चल रहे हैं. संघ के स्वयंसेवकों को सेवा कार्य के लिए दिए गए 100 रुपये 110 रुपये बनकर जरूरतमंदों तक पहुँचते हैं. लगातार सेवा करने का कार्य सेवा भारती समाज के सम्पर्क और सहयोग से स्वयंसेवकों के माध्यम से कर रही है. समाज का स्वयंसेवकों पर विश्वास बढ़ा है. सेवा भाव मनुष्य मात्र में स्वाभाविक रूप से है ही, बस उसे जागृत करने की आवश्यकता है, जिसे संघ का सेवा विभाग कर रहा है. संघ ने अपने व्यवहार, आचरण से समाज का विश्वास अर्जित किया है.
उन्होंने कहा कि सेवा कार्य में प्रसिद्धि की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए, उससे सेवा का महत्व नष्ट हो जाता है. किन्तु लोगों में सेवा की प्रेरणा जगाने के लिए कम्युनिकेशन – संवाद करना चाहिए. इसलिए सेवा के अपने कार्य में गुणात्मक वृद्धि के लिए वेबसाइट शुरू की गई है. कार्यकर्ता आपस में अनुभवों का आदान प्रदान करें. संघ की 52 हजार शाखाएँ हैं, शाखा द्वारा छोटे-छोटे सेवा कार्य करें, उससे और लोग इन सेवा कार्यों से जुड़ें. इसके लिए संस्थाओं, चंदे-रसीद की आवश्यकता नहीं है. समाज के विभिन्न वर्गों की सेवा के लिए संस्थागत कार्य की आवश्यकता होती है, इस तरह के कार्य सेवा भारती कर रही है. मेरा समय, धन, ज्ञान, अनुभव ईश्वर की संपत्ति है, इसको वंचितों को समर्पित करना ईश्वर को ही अर्पण करना है, ईश्वर की ही सेवा है. जैसे तुलसी की माला ह्रदय को शांति देती है, वैसे सेवा कार्यों की माला ह्रदय को शांति प्रदान करती है.
केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल जी ने कहा कि बीकानेर थार रेगिस्तान में सेवा भारती इकाई ने बेघर लोगों को इकठ्ठा करके उनके करीब 60 बच्चों के लिए होस्टल बनाया है, जिनमें से बड़ी संख्या में छात्र प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थानों में चुने जाते हैं. समाज से सहयोग लेकर, आवासीय विद्यालय के रूप में ऐसे बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा सेवा भारती ने उठाया है. ऐसे अभावग्रस्त बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाना सेवा का एक बहुत अच्छा उदाहरण है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रान्त संघचालक कुलभूषण आहूजा जी ने कार्यक्रम में गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया. इस अवसर पर उत्तर क्षेत्र सह क्षेत्र कार्यवाह विजय जी, सेवा भारती के ऋषिपाल डढवाल जी, दिल्ली प्रान्त प्रचारक हरीश जी सहित अन्य उपस्थित थे.