हरियाणा में गौवंश हत्या होगा गैरजमानती अपराध, विस में कानून पारित

हरियाणा (विसंकें). हरियाणा राज्य सरकार ने गौवंश हत्या प्रतिबंध कानून विस सभा में पारित कर दिया है, जिसके पश्चात गौवंश हत्या पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा. कानून को सख्त बनाया गया है, गौवंश हत्या को गैरजमानती अपराध बनाया गया है.

हरियाणा विधानसभा में हरियाणा गौवंश संरक्षण व गौसंवर्धन विधेयक-2015 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई. इसके साथ ही अब प्रदेश में गौहत्या गैरजमानती अपराध होगा. ऐसे अपराध के दोषियों को तीन से 10 साल तक की कैद व एक लाख रुपये तक जुर्माने की सजा हो सकती है. सदन में राज्य सरकार की ओर से यह विधेयक पेश किया गया. इसके तहत अब प्रदेश में गौहत्या करना, विकलांग करना, हत्या करवाना या हत्या के लिये पेश करना अपराध की श्रेणी में आएगा. हालांकि दुर्घटना और आत्मरक्षा की स्थिति में गाय की मौत को अपराध नहीं माना गया है.

इसके अलावा ऐसी गायें, जिसकी पीड़ा के चलते नाश वांछनीय हो या संक्रामक रोग से पीड़ित हो या अनुसंधान के प्रयोग में लाई जा रही हो उसे अपराध की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाएगा. इसी प्रकार यदि वध के लिये पशु चिकित्सक की ओर से प्रमाण पत्र दिया गया हो तो उसे भी अपराध नहीं माना जाएगा. इनके अलावा प्रदेश से अब गाय का निर्यात अथवा अन्य प्रदेशों में ले जाने के लिए परमिट जरूरी है. परमिट के लिये एक फीस तय की जाएगी. प्रदेश में गौमांस का निर्यात या आयात भी विधेयक के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है.

विस में पारित कानून के मुख्य बिंदु नीचे दिये गए हैं…..

– गाय का मांस पूर्ण रूप से प्रतिबंधित

– गौ हत्या के मामले में कम से कम तीन साल कैद व तीन हजार रुपये जुर्माना, अधिकतम दस साल की कैद व एक लाख रुपये जुर्माना

– गौकशी के लिये गाय ले जाने वाले को कम से कम तीन साल की कैद तथा तीन हजार रुपये जुर्माना व अधिकतम सात साल की कैद व 70 हजार रुपये जुर्माना

– गौ मांस बेचने वाले को कम से कम तीन साल की कैद व तीस हजार रुपये जुर्माना तथा अधिकतम पांच साल की कैद व 50 हजार रुपये जुर्माना

– मृत पशुओं का चमड़ा उतारने वालों के लिये पंजीकरण अनिवार्य

– घर से बाहर घूमने वाली गायों के लिये बनाए जाएंगे अभ्यारण्य

पशुपालन व डेयरी उद्योग मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने विधानसभा में जानकारी दी कि सदन के सदस्यों की ओर से दिए सुझावों के अनुसार दो संशोधन किए गए हैं. इससे अब हरियाणा में गौमांस पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा. सरकार द्वारा प्रत्येक प्रकार की गाय का संरक्षण किया जाएगा, जबकि देसी गायों का संवर्धन होगा.

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