गौरतलब है कि विश्व हिंदू कांग्रेस का यह कार्यक्रम 23 नवम्बर तक चलेगा। इस सम्मेलन में 40 से अधिक देशों के 1500 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इसका आयोजन वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन की ओर से किया जा रहा है। इसका विषय ‘संगच्छध्वम संवदध्वम’ (साथ चलें, मिलकर सोचें) के हिंदू सिद्धांत पर आधारित है।
इस सम्मेलन में सात भिन्न-भिन्न मंचों से चर्चा की जाएगी। इन मंचों में विश्व हिन्दू आर्थिक मंच से हिन्दू आर्थिक सम्मलेन, हिंदू शिक्षा बोर्ड से हिंदू शैक्षिक सम्मेलन, हिंदू छात्र-युवा नेटवर्क से हिन्दू युवा सम्मेलन, हिन्दू मीडिया मंच से हिन्दू मीडिया सम्मलेन, हिन्दू महिला मंच से हिन्दू महिला सम्मलेन, हिन्दू संगठन, मंदिरों और संघों से हिन्दू संगठनात्मक सम्मलेन और विश्व हिन्दू लोकतान्त्रिक मंच से हिंदू राजनीतिक सम्मेलन का आयोजन होगा।
विश्व हिन्दू कांग्रेस की व्यूह रचना करने वाले स्वामी विज्ञानानन्द कहते हैं– विश्वभर में फैला हिन्दू आज मानवाधिकार हनन, नस्लभेद, सांस्कृतिक अपमान, उपेक्षा और भेद-भाव का शिकार है. स्वयं भारत का हिन्दू भी सांप्रदायिक आधार पर उपेक्षा, विषमता और भेद-भाव का शिकार होता रहा है. हम देश और दुनिया में हिन्दुओं का स्वर्णकाल वापस चाहते हैं. बीते दिनों में हम वैभवशाली और शक्तिसम्पन्न थे, आज हो सकते हैं और भविष्य में इसे बनाये रख सकते हैं.