हिंसा की आग में घी डालने को आतुर यासीन मलिक व स्वामी अग्निवेश; हिरासत के बाद रिहाई.

स्रोत: न्यूज़ भारती हिंदी

श्रीनगर, अप्रैल 18 : जम्मू कश्मीर में अलगाववाद नेता मसर्रत आलम पर शिकंजा कसने के बाद अब जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मुखिया यासीन मलिक तथा आर्य समाज के नेता स्वामी अग्निवेश को भी शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। शुक्रवार को मसर्रत की गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शन के दौरान फैली हिंसा को काबू करते वक़्त एक उग्र युवक की गोली लगकर मौत हो गई थी। इस मौके को भी भुनाने और गड़बड़ियाँ फैलाने के ताक में लगे यासीन और अग्निवेश को पुलिस ने समय रहते हिरासत में ले लिया। हालांकि चार घंटे बाद इन दोनों को ही रिहा कर दिया गया।

दरअसल, कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से समग्र बस्तियाँ बसाने के मुद्दे पर छिड़े विवाद का पूरा फायदा उठाने और कश्मीर में फिर से हिंसा कि आग फैलाने के ध्येय से यासीन मालिक ने 30 घंटे कि भूख हड़ताल का आवाहन किया और साथ ही स्वामी अग्निवेश के साथ मिलकर पंडितों कि अलग बस्तियों का विरोध किया।

यासीन ने कहा कि वे चाहते हैं कि पंडितों का अलग से आशियाना न बसे बल्कि उनके बीच बसे नहीं तो वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे।यासीन ने यह भी कहा कि पंडितों को जहां भी बसना हो बसे लेकिन अलग से बसाया जाना खतरनाक साबित होगा। हम जिएंगे भी साथ में, मरेंगे भी साथ में। अग्निवेश ने भी हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा कि पंडितों कि सुरक्षा के नाम पर अलग बस्तियाँ यदि बना दी गयी तो इससे सामाजिक तानाबाना बिगड़ जाएगा।

आलम की सात दिन की पुलिस हिरासत, नरबल में एक उग्र युवक की मौत, हिंसक झड़प तथा यासीन व अग्निवेश के राजनीतिक ड्रामे से राज्य का माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है। इसी बीच केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ ने साफ साफ कहा कि कानून के तहत सारे काम होंगे और अलगाववादियों के समक्ष झुकने की तो बात ही नहीं उठती है। आलम गिरफ्तारी में ही रहेगा क्योंकि राष्ट्रविरोधी गतिविधियाँ बिलकु भी बर्दाश्त नहीं की जाएँगी।

भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी व संजय कौल ने स्वामी अग्निवेश की मंशाओं पर सवाल उठाते हुए कहा की देशद्रोहियों के हाँ में हाँ मिलाकर स्वामी ने उनकी हिम्मत बढ़ाने का कार्य किया है जो काफी निंदनीय है।

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