भारतीय संस्कृति, आध्यात्म एवं पारिवारिक मूल्यों के पुनर्जीवन के लिए हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्था द्वारा गुजरात यूनिवर्सिटी मैदान में हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले का आयोजन किया गया. चार दिवसीय इस मेले का सोमवार को तत्व तीर्थ के प.पू. स्वामी श्री विदितात्मानंदजी की प्रेरक उपस्थिति में समापन हुआ.
चार दिवसीय इस मेले मे लगभग 4,00,000 लोग सहभागी हुए. 90,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैले नरसिंह महेता नगर में पू. रविशंकर महाराज, वीर मेघमाया, वर्धमान, अवधपुरी तथा विदुषा गार्गी के नाम से 6 संकुल बनाये गए. इस मेले में 400 स्टॉल में विभन्न सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओ द्वारा सामाजिक कार्यो को दर्शाया गया. मेले में 35 फुट ऊंचा शिवलिंग , कैलाश पर्वत-गंगा अवतरण, सोमनाथ मंदिर में से भगवान शिव के जीवंत दर्शन, खोडलधाम, संतराम मंदिर, शेत्रुंजय की प्रतिकृति, भारतीय सेना तथा भारतीय अंतरिक्ष विभाग द्वारा प्रदर्शनी का सुंदर आयोजन किया गया.
मेले में मातृ-पितृ वंदन, कन्या-वंदन, सुवासिनी वंदन तथा आचार्य वंदन, परमवीर वंदन, भारत माता वंदन के कार्यक्रम तथा नारी-समाज व्यवस्था, आध्यात्म-धर्म-संप्रदाय विषय पर सेमिनार का आयोजन भी किया. समापन समारोह में विभिन्न संस्थाओ को उनके प्रदर्शन के अनुसार सम्मानित किया गया.