हिन्दू राष्ट्रीयता का एक अभिनाम है – दत्तात्रेय होसबले जी

मेरठ (विसंकें), 14.02.2016.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरठ महानगर द्वारा ‘‘स्वयंसेवक संगम’’ का आयोजन किया गया. मेरठ के भैसाली मैदान में आयोजित संगम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने स्वयंसेवकों को सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि संघ ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन समय- समय पर करता रहता है. ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन समाज को संगठित कर दुर्गणों से मुक्त भारत को परम वैभव पर पहुंचाने के लिए किया जाता है. तथा स्वयंसेवक राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रसेवा के कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेकर जाते हैं. संघ का कार्य किसी पर अपनी शक्ति थोपना नहीं, बल्कि समाज को अपना अनुशासन दिखाकर समाज के लोगों में राष्ट्रभक्ति की भावना का आत्मविश्वास बढ़ाना है. भारत की तस्वीर बदलने की ये साधना विगत 90 वर्षों से चल रही है. कहा कि जापान के प्रधानमंत्री वाराणसी में मां गंगा की आरती करते हैं, ऐसा भारत में पहली बार हुआ है. जबकि अब से पहले भारत में आने वाले विदेशियों को केवल ताजमहल दिखा कर विदा कर दिया जाता था.
जेएनयू में चल रहे देश विरोधी षड्यंत्र पर सह सरकार्यवाह जी ने कहा कि एक तरफ पूरा देश लांस नायक हनुमनथप्पा के लिये भगवान से प्रार्थना कर रहा था तो जेएनयू में कुछ छात्र देश विरोधी नारे लगा आतंकियों की जय-जयकार कर रहे थे. ये षड्यंत्र है, साजिश है. आखिर शिक्षा के मंदिर में देश विरोधी नारे लगाने वाले लोगों की पीढ़ी तैयार कैसे हो गई ? और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात वो कर रहे हैं, जिन्होंने 1975 में पूरे देश को जेल बना दिया था. संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन करने वाले, सब स्वतंत्रता समाप्त करने वाले आज कह रहे हैं कि स्वतंत्रता की आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि देशभक्ति के बल पर हमें खड़ा होना पड़ेगा और देश विरोधी बाधाओं की शक्तियों से डटकर सामना करना पड़ेगा. साथ ही ऐसी दुष्ट शक्तियों का सही चरित्र समाज के सामने रखना पड़ेगा. आने वाला समय चुनौतिपूर्ण है, भावी पीढ़ी को बाहरी और देश के अन्दर से उत्पन्न हुई चुनौतियों का सामना करने के लिए सावधान रहने की जरूरत है.
उन्होंने हिन्दुत्व पर कहा कि हिन्दुत्व कोई मजहब नहीं, बल्कि एक जीवन पद्धति है. हिन्दू राष्ट्रीयता का एक अभिनाम है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र द्वारा पुजारियों के एक सम्मेलन में प्रबलता पूर्वक हिन्दुत्व का समर्थन किया और कहा हम सब हिन्दू हैं. ये केवल भारत में ही नहीं, बल्कि कुछ वर्ष पूर्व अमेरिका में एक लेख छपा था – हम सब हिन्दू हैं. पूजा पद्धति भले ही भिन्न हो, परन्तु हम सब हिन्दू हैं. योग, प्रणायाम, कुटुम्ब पद्धति, पर्यावरण संरक्षण ये सब विश्व को हिन्दू जीवन पद्धति की ही देन है. हमारी जीवन पद्धति विश्व के लिये आवश्यक है, ऐसा दुनिया विचार कर रही है. हिन्दुत्व के विचार में ऊंच-नींच, छोटा-बड़ा कोई भेदभाव नहीं होता, सब समान हैं. शाखा पर आकर राष्ट्रहित का चिंतन करने वाले स्वयंसेवकों की केवल एक ही पहचान है. हम सब हिन्दू हैं. पिछले दिनों महाराष्ट्र में पूर्वोत्तर के लोगों का विरोध हुआ तो स्वयंसेवक आगे आए. राष्ट्र की एकात्मता केवल भाषण का विषय नहीं, समाज के सभी घरों में सम्पर्क कर सभी वर्ग के लोगों को एकता के सूत्र में बांध कर राष्ट्र की सेवा करने से है. संघ का विचार विश्व में भारत को प्रथम पंक्ति में खड़ा करना है. हम पशु-पक्षी, प्राणी सभी की पूजा करते हैं. हमारे लिए सब समान हैं.
उन्होंने कहा कि पूरा विश्व एक कुटुम्ब है. और अपने कुटुम्ब की सेवा करने के लिए समाज में समरसता लाने के लिए हमारा आश्वासन है कि सेवा कार्यों के माध्यम से समाज के प्रत्येक व्यक्ति रोटी, कपड़ा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित नहीं रहेगा, लेकिन इस कार्य में समाज को भी आगे आना चाहिए. भारत के व्यक्ति आज दुनिया में अच्छे स्थानों पर हैं, कोई डाक्टर, इंजीनियर है. विदेश में बसे भारतीयों से भी आशा है कि जिस तरह वहां कार्य करते हैं, भारत में भी उन्हें देश के लागों की सेवा करनी चाहिए, देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखें की भावना को जागृत करें. समाज का ऋण चुकाना भूमि पर जन्मे प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है. भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए सभी को कार्य करना पडे़गा, स्वच्छता, समानता को अपनाना होगा. कामचोर न बनें, आलस्य और अकर्मण्यता के साथ कोई आगे नहीं बढ़ सकता. जापान हमारे सामने उदाहरण है, दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान को कोई महत्व नहीं देता था, लेकिन सच्ची लगन और मेहनत से आज जापान खड़ा हो गया है. केवल पीएम और पुरस्कार प्राप्त करने वालों के योगदान से देश आगे नहीं बढ़ सकता, सभी को काम करना चाहिए. बांटने वाले लोगों से सावधान रहना होगा, प्रत्येक व्यक्ति के भीतर राष्ट्रभाव जगाना होगा.
संघ का यही संदेश है कि अन्दर के कलंक को दूर करते हुए व्यक्ति निर्माण और समाज का संगठन करते हुये बदलाव लाना. ये दोनों काम केवल एक तंत्र मंत्र से हो रहे हैं जो केवल हिन्दुत्व और संघ की शाखा है. भारत के प्रत्येक छोर पर जागरण दिख रहा है. स्वयंसेवक संगम में क्षेत्र संघचालक दर्शनलाल अरोड़ा, क्षेत्र प्रचारक आलोक कुमार, प्रान्त संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक, सह प्रान्त प्रचारक कर्मवीर, प्रान्त कार्यवाह फूलसिंह, सह प्रान्त कार्यवाह जोगेन्द्र दत्त, प्रान्त प्रचारक धनीराम सहित अन्य उपस्थित थे.
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