आज 23 अक्तूबर को प्रातः 08:30 बजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक का शुभारंभ श्रीविद्या विहार, अन्नोजिगुडा, भाग्यनगर (हैदराबाद) में हुआ.
पहले दिन पत्रकारों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह वी भागैय्या जी ने कहा कि कार्यकारी मंडल बैठक समाज के विभिन्न आयामों से सम्बंधित संघ कार्य के विस्तार की समीक्षा करता है. अ. भा. का. मं. सामाजिक, धर्मिक, सांस्कृतिक, पारिवारिक मूल्यों एवं ग्राम विकास से सम्बंधित विषयों पर चर्चा करेगा. सांगठनिक विस्तार के अतिरिक्त अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल हिन्दू समाज और राष्ट्र से सम्बंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेगा.
1. केरल में राजनीति से प्रेरित हत्याएं
केरल के वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व में असहिष्णु साम्यवादी, विशेषकर सी.पी.एम काडर, संघ एवं भाजपा के कार्यकर्ताओं की राजनैतिक हत्याएं कर रहे हैं.
2. एकात्म मानव दर्शन
सम्पूर्ण विश्व के प्रबुद्ध मनुष्यों के लिए वैश्विक आर्थिक संकट, पृथ्वी का बढ़ता तापमान एवं राष्ट्रों के बीच बढ़ती वैमनस्यता एक चिंता का विषय है. वे इनका समाधान खोज रहे हैं. यह वर्ष पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्मशती वर्ष है. उन्होंने भारतीय चिंतन मूल्यों पर आधारित “एकात्म मानव दर्शन” (Integral Humanism) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया था. इस वर्ष हम इस सिद्धांत के 51वां वर्ष पूरा करेंगे. एकात्म मानव दर्शन “धारणक्षम विकास” एवं “धारणक्षम उपभोग”, मनुष्य का प्रकृति के प्रति व्यवहार पर एक वैश्विक दृष्टि प्रदान करता है.
3. बंगाल में हिन्दुओं पर जेहादी तत्वों द्वारा हमलों पर चर्चा
हिन्दू महिलाओं के बलात्कार एवं हत्या की घटनाओं में मुस्लिम समुदाय के लोग लिप्त पाये जा रहे हैं. इनमें से कई महिलाएं अनुसूचित जाति तथा जनजाति समाज से हैं. यह सब तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण से पश्चिम बंगाल में हो रहा है. इस सन्दर्भ में कोलकाता उच्च न्यायलय द्वारा राज्य सरकार की आलोचना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें उन्होंने कहा कि – “अल्पसंख्यक समुदाय के तुष्टीकरण हेतु हिन्दुओं के मूलभूत अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए ”.
संघ यह मानता है कि जाति आधारित भेदभाव अमानवीय, असंवैधानिक है एवं ऐसे भेदभाव अधार्मिक भी है. ऐसी सामाजिक समस्याओं के निर्मूलन हेतु संघ के स्वयंसेवक देश भर में सर्वेक्षण कर रहे हैं. सभी हिन्दुओं को समान मंदिर प्रवेश, समान श्मशान तथा जल स्रोतों में एक सा प्रवेशाधिकार है या नहीं, यह इस सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु है. कई स्वयंसेवकों ने सक्रिय रूप से ऐसी समस्याओं के निर्मूलन में भी प्रतिभाग किया है, उदहारण के लिये – तेलंगाना प्रान्त के पालमूर जिले में जाति के आधार पर अलग–अलग पेयपात्र की व्यवस्था को समाप्त करने के लिये संघ, विद्यार्थी परिषद एवं विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रयास किये.
हिन्दू समाज के उपेक्षित विशेषकर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वर्गों को सरकार द्वारा मिलने वाली योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये संघ प्रतिबद्ध है. SC/ST बंधुओं के सशक्तिकरण के लिये संघ अन्य संगठनों के साथ मिल कर सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है.