- 5 लाख गांवों में 10 करोड़ से अधिक घरो द्वारा श्री राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग का संकल्प.
- कोरोना की चुनौती के उपरांत आत्मनिर्भर – स्वरोजगार – कौशल विकास को बनायेंगे समाज का आंदोलन.
- मोहल्ला पाठशाला के माध्यम से विद्यार्थियों की शिक्षा की करेंगे समुचित व्यवस्था.
- समरस समाज, संस्कारित परिवार के निर्माण में सभी प्राथमिकता से कार्य करेगे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं विविध संगठनो मे कार्य करने वाले कार्यकर्त्ताओ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक 5 से 7 जनवरी 2021 तक से कर्णावती युनिवर्सिटी, गाँधीनगर में आयोजित की गई. इस अवसर पर आयोजित पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री कृष्णगोपालजी ने कहा कि समन्वय बैठक में कोरोना काल में देशभर में विविध संगठनो के द्वारा अनेक प्रकार के सेवाकार्य जहाँ जैसी आवश्यकता थी किये गये उसपर परस्पर जानकारी दी गई. कोरोना काल में स्कूल बंद होने की वजह से विधार्थी पढ़ नहीं पा रहे थे उनके शिक्षण की समुचित योजना बनाई गई थी. देश में विद्यार्थी परिषद ने मोहल्ला पाठशाला एवं ओन लाइन के माध्यम से देशभर में लगभग 10,000 स्थानों पर बच्चो को पढ़ाने की व्यवस्था की. हजारो अन्य स्थानों पर हजारो आध्यापक इस कार्य में अतिरिक्त समय देकर लगे है इसके अलावा हजारो कार्यकर्ताओ ने छोटे छोटे समूहों में भी बच्चो को शिक्षा देने का कार्य किया. इस प्रकार इस अवसर को राष्ट्रीय चुनौती मानकर सभी संगठनो ने समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया. यह आनंद की बात है कि इस अवसर पर पुरे देश में समाज ने जैसी एकजुटता दिखाई है. वह विश्वभर में अभूतपूर्व है.
वर्तमान काल में देश तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढे, कोरोना काल के संकट को पार करके देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढे इस हेतु से हमारे कार्यकर्त्ता कौशल्य विकास के कार्य में जुटेंगे.
श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का विषय भी बहुत महत्त्वपूर्ण दौर में आ गया है. एक भव्य मंदिर शीघ्रता से बने इसको लेकर देश और दुनिया में वातावरण बना है. देशभर में श्री राम मंदिर निर्माण हेतु व्यापक संपर्क का कार्य होगा और सभी कार्यकर्ता बंधू 5 लाख से अधिक गांवों में 10 करोड़ से अधिक घरो श्री राम मंदिर निर्माण के लिए संपर्क करेंगे, तथा ऐसी अपेक्षा है कि वह प्रत्येक परिवार से कुछ न कुछ सहयोग प्राप्त करे. जो नई शिक्षा नीति आई है उसका भी सभीने स्वागत किया. उसकी बहुत सी अच्छी बातों का क्रियान्वयन ठीक प्रकार से हो इस दृष्टी से भी कार्यकर्त्ता बंधू स्थान स्थान पर प्रयत्न करेंगे ऐसी चर्चा यहाँ हुई.
इसके अलावा विभिन्न विषयों पर जैसे जल संरक्षण, वृक्ष लगाना और प्लास्टिक से मुक्ति मिले इस दृष्टी से पर्यावरण गतिविधि का कार्य और गति से बढ़ाने का विचार हुआ. कुटुंब प्रबोधन के अंतर्गत संस्कारित परिवारों के निर्माण में तथा समरस समाज के लिए सभी कार्यकर्त्ता प्राथमिकता से कार्य करेगे, भेदभाव को दूर करने के लिया तेजी से कार्य हो, भेदरहित समरस समाज बने ऐसा चिंतन किया गया.एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. कृष्णगोपालजी ने विश्वास व्यक्त किया कि वर्त्तमान किसान आंदोलन का हल परस्पर बातचीत से शीघ्र ही होगा.
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