स्रोत: न्यूज़ भारती हिंदी-
नागपुर, अप्रैल 3 : दिल्ली के नजीक अलिपुर में 4 से 6 अप्रैल को राष्ट्रीय सेवा भारती, राष्ट्रीय सेवा संगम आयोजित करने जा रहीं है| इस त्रिदिवसीय संमेलन में रा. स्व. संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत, सरकार्यवाह भैयाजी जोशी, माता अमृतानंदमयी, आयटी कंपनी ‘विप्रो’ के संस्थापक अझीम प्रेमजी, जीएमआर ग्रुप के जी एम राव आदि महनीय मार्गदर्शन करेंगे|
बंगलुरु में फरवरी 2010 में प्रथम राष्ट्रीय सेवा संगम के सफल आयोजन के बाद यह दूसरा सेवा संगम का आयोजन है|
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रेरित गैर-सरकारी संस्थाएँ तथा व्यक्तिगत स्तर पर चल रहें 1 लाख 35 हजार से भी अधिक सेवा कार्यों का समन्वय राष्ट्रीय सेवा भारती द्वारा किया जाता है| इस सेवा संगम में देशभर के 800 से भी अधिक संस्थाओं के 3000 प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे, जिसमें 500 महिला प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगी|
विविध कार्यक्रम
4 अप्रैल सुबह माता अमृतानंदमयी तथा प्रसिद्ध उद्योगपति अतुल गुप्ता के करकमलों द्वारा सेवा संगम का प्रारंभ होगा| इसी दिन शाम में सरकार्यवाह भैयाजी जोशी प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन करेंगे| 5 अप्रैल को सम्मिलित प्रतिनिधियों के अलावा दिल्ली के 500 गणमान्य व्यक्तियों को सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत उद्बोधन करेंगे| इस कार्यक्रम में ‘विप्रो’ के संस्थापक अझीम प्रेमजी विशिष्ट अतिथि के नाते उपस्थित रहेंगे| 6 अप्रैल को सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले के उपस्थिति में समापन समारोह होगा|
विचार-विमर्श
सेवा संगम के तीन दिन, विविध कार्यक्रमों में सेवा कार्य के संदर्भ में गहन विचार-विमर्श होगा| सेवा कार्य के विविध पहलू, उनकी समस्याएँ, आर्थिक नियोजन आदि विषयोंपर भी विविध सत्रों में विचार तथा मार्गदर्शन होगा| सेवा कार्यों में रत ज्येष्ठ कार्यकर्ताओं का अनुभव कथन विशेष आकर्षण होगा|
रा. स्व. संघ के सह सेवा प्रमुख अजित महापात्रा ने बताया कि, इस विशिष्ट आयोजन में देश के बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठिनों (कारपोरेट्स) को आग्रहपूर्वक आमंत्रित किया है| वे भी सामाजिक जिम्मेदारी के नाते (सीएसआर) सामाजिक कार्य को बल प्रदान कर रहें हैं| महापात्रा का मानना है कि, इस सेवा संगम के माध्यम से उन्हें सेवा भारती के कार्यकलापों का नजदीक से दर्शन होगा तथा हम भी इस क्षेत्र में उनके अनुभवों को जान सकेंगे|
विशेषतापूर्ण प्रदर्शनी
सेवा संगम की प्रदर्शनी ने अपनी विशेषता बनायी है| राष्ट्रीय सेवा भारती संलग्नित संस्थाओं द्वारा विविध स्थानों पर चलने वाले सफल सेवा कार्यों की जानकारी तथा उपलब्धियॉं दर्शाने वाली प्रदर्शनी लगायी जाती है| इस प्रदर्शनी में अपने अपने क्षेत्र में विविध संस्थाओं तथा व्यक्तियों ने जो सफलता के शिखर चूमें हैं, उन सबकी जानकारी फोटो गैलरी तथा पावर पाइंट प्रेझेन्टेशन के माध्यम से प्रदर्शित की जाएगी|
सेवा संगम का उद्देश्य
‘समरस भारत, समर्थ भारत’ यह इस सेवा संगम का उद्देश्य है| जिस स्थान पर यह संमेलन होने जा रहा है, उसे ‘समरसता नगर’ नाम दिया है| देश के सामाजिक तथा सांस्कृतिक तानेबाने में वांछित बदलाव लाने के लिए जो संस्थाएँ तथा व्यक्ति कार्यरत है, उन सभी का लेखाजोखा इस संमेलन में लिया जाएगा|
हमारे समाज में श्रेष्ठ-पवित्र कार्यों का प्रचार कम मात्रा में होता है और दुर्भाग्यवश समाज के दोष-विकृतियों का प्रचार अधिक मात्रा में हो रहा है| समाज का बारीकी से अध्ययन करने से ध्यान में आएगा कि आज भी समाज में दुर्जनशक्ति से सज्जनशक्ति अधिक है| स्वार्थी-भ्रष्टाचारी से नि:स्वार्थ समाज जन-सेवकों की संख्या अधिक है| यह सत्य सभी के सामन न आने के कारण ही समाज में एक प्रकार से निराशा, हताशा, उसके कारण उदासीनता, नकारात्मक भाव आता है और मन में निष्क्रियता बढ़ती है|
ऐसे समय में समाज में इस प्रकार के सेवाभावी कार्यकर्ताओं एक साथ लाना, आपसी परिचय और एक दूसरे के कार्य की जानकारी का आदान-प्रदान करने से सभी के मन का आत्मविश्वास और बढ़ाकर, समाज को सही दिशा में परिवर्तन करते हुए समाज को समतायुक्त, शोषणमुक्त, निर्दोष और सुखी बनाने का निश्चय अधिक दृढ़ करने का प्रयास भी इस सेवा संगम द्वारा होता है|
सेवा संगम के पवित्र वायुमंडल से, सम्मिलित सभी प्रतिनिधि अपने सेवाभाव को तथा अपने सेवा संकल्प को और अधिक दृढ़ बनाते हुए अपने-अपने क्षेत्र में सेवा कार्य का और भी विस्तार करने की योजना बनाते है|