भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के अत्यन्त प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। -डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1926 में इंग्लैण्ड से बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। – 33 वर्ष की अल्पायु में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। -डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने समाजसेवा करने के […]
किसी ने लिखा है – तेरे मन कुछ और है, दाता के कुछ और . संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री अधीश जी के साथ भी ऐसा ही हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए उन्होंने जीवन अर्पण किया; पर विधाता ने52 वर्ष की अल्पायु में ही उन्हें अपने पास बुला लिया। अधीश जी का जन्म […]
भारतीय संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले महापुरुष स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को सूर्योदय से 6 मिनट पूर्व 6 बजकर 33 मिनट 33 सेकेन्ड पर हुआ। भुवनेश्वरी देवी के विश्वविजयी पुत्र का स्वागत मंगल शंख बजाकर मंगल ध्वनी से किया गया। ऐसी महान विभूती के जन्म से भारत माता भी गौरवान्वित […]
कैप्टन मनोज पांडे की कारगिल युद्ध मे वीरता दिखाने की वीरगाथा और 2 व् 3 जुलाई की मध्य रात्रि में अधम्य जोश से “खालुबार” की पहाडीयों को फिर से हासिल करने का ब्यौरा अभूतपूर्व है. उनके प्राण न्योछावर में भी गौरव की अनुभूति थी क्योकि उनकी रायफल का निशान दुश्मन के बंकर थे, बर्फ में उनकी जमी […]
त्यागी और तपस्वियों की भूमि भारत में अनेक तरह के योगी हुए हैं। केवल भारत ही नहीं, तो विश्व के धार्मिक विद्वानों, वैज्ञानिकों एवं चिकित्सकों को अपनी यौगिक क्रियाओं से कई बार चमत्कृत कर देने वाले सिद्धयोगी स्वामी राम का नाम असहज योग की परम्परा में शीर्ष पर माना जाता है। स्वामी राम का जन्म […]
डॉ. विधानचन्द्र राय का जन्म बिहार की राजधानी पटना में एक जुलाई1882 को हुआ था। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि विधानचन्द्र राय की रुचि चिकित्सा शास्त्र के अध्ययन में थी। भारत से इस सम्बन्ध में शिक्षा पूर्ण कर वे उच्च शिक्षा के लिए लन्दन गये। लन्दन मैडिकल क१लिज की एक घटना से इनकी धाक सब […]
स्वाधीनता संग्राम में 1857 ई. एक मील का पत्थर है; पर वस्तुतः यह समर इससे भी पहले प्रारम्भ हो गया था। वर्तमान झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में हुआ ‘संथाल हूल’ या ‘संथाल विद्रोह’ इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। संथाल परगना उपजाऊ भूमि वाला वनवासी क्षेत्र है। वनवासी स्वभाव से धर्म और प्रकृति के प्रेमी तथा सरल होते हैं। इसका जमींदारों ने सदा लाभ […]
दान की चर्चा होते ही भामाशाह का नाम स्वयं ही मुँह पर आ जाता है। देश रक्षा के लिए महाराणा प्रताप के चरणों में अपनी सब जमा पूँजी अर्पित करने वाले दानवीर भामाशाह का जन्म अलवर (राजस्थान) में 29 जून, 1547 को हुआ था। उनके पिता श्री भारमल्ल तथा माता श्रीमती कर्पूरदेवी थीं। श्री भारमल्ल […]
हमारे देश की फिल्म इंडस्ट्री को सफल और समृद्ध बनाने में बहुतों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है लेकिन जमशेदजी फ्रामजी मदन की बात ही जुदा है. उन्होंने सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र फिल्म का प्रोडक्शन संभाला था. 28 जून 1923 को उनका निधन हुआ. 1. उन्होंने एल्फिंस्टोन बायोस्कोप कंपनी के बैनर तले साल 1917 में सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र […]
महाराजा रणजीत सिंह शेर-ए पंजाब के नाम से प्रसिद्ध हैं। महाराजा रणजीत एक ऐसी व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल पंजाब को एक सशक्त सूबे के रूप में एकजुट रखा, बल्कि अपने जीते-जी अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के पास भी नहीं फटकने दिया। रणजीत सिंह का जन्म सन 1780 में गुजरांवाला (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उन दिनों पंजाब पर सिखों और अफगानों का राज […]