भारतीय इतिहास में सन 1857 को देश के पहले स्वाधीनता संग्राम के रूप में याद किया जाता है हालांकि इससे पहले भी कई छोटे युद्ध हो चुके थे। इस क्रम में सबसे पहली पहल सन 1806 में आज ही के दिन 10 जुलाई को की गई थी। वेल्लोर म्यूटिनी के नाम से मशहूर इस पहली […]
कुछ लोगों का जन्म भले ही किसी अन्य मजहब वाले परिवार में हुआ हो; पर वे अपने पूर्व जन्म के अच्छे कर्म एवं संस्कारों के कारण हिन्दू मान्यताओं के प्रति आस्थावान होकर जीवन बिताते हैं। पुणे के पास बारामती जिले में स्थित मालेगांव (महाराष्ट्र) में एक मुसलमान घर में जन्मी जैतुनबी ऐसी ही एक महिला […]
अंग्रेजों के विरुद्ध लड़े गये भारत के स्वाधीनता संग्राम में वीर विनायक दामोदर सावरकर का अद्वितीय योगदान है। उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर देश ही नहीं, तो विदेश में भी क्रांतिकारियों को तैयार किया। इससे अंग्रेजों की नाक में दम हो गया। अतः ब्रिटिश शासन ने उन्हें लंदन में गिरफ्तार कर मोरिया नामक पानी […]
‘ये दिल मांगे मोर,‘ को अगर सही मायनों में किसी ने पहचान दी तो वह थे कश्मीर राइफल्स के बहादुर सिपाही कैप्टन विक्रम बत्रा। विक्रम बत्रा ने जुलाई 1996 में उन्होंने भारतीय सेना अकादमी देहरादून में प्रवेश लिया। दिसंबर 1997 में शिक्षा समाप्त होने पर उन्हें 6 दिसम्बर 1997 को जम्मू के सोपोर नामक स्थान पर सेना […]
भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के अत्यन्त प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। -डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1926 में इंग्लैण्ड से बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। – 33 वर्ष की अल्पायु में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। -डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने समाजसेवा करने के […]
किसी ने लिखा है – तेरे मन कुछ और है, दाता के कुछ और . संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री अधीश जी के साथ भी ऐसा ही हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए उन्होंने जीवन अर्पण किया; पर विधाता ने52 वर्ष की अल्पायु में ही उन्हें अपने पास बुला लिया। अधीश जी का जन्म […]
भारतीय संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले महापुरुष स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को सूर्योदय से 6 मिनट पूर्व 6 बजकर 33 मिनट 33 सेकेन्ड पर हुआ। भुवनेश्वरी देवी के विश्वविजयी पुत्र का स्वागत मंगल शंख बजाकर मंगल ध्वनी से किया गया। ऐसी महान विभूती के जन्म से भारत माता भी गौरवान्वित […]
कैप्टन मनोज पांडे की कारगिल युद्ध मे वीरता दिखाने की वीरगाथा और 2 व् 3 जुलाई की मध्य रात्रि में अधम्य जोश से “खालुबार” की पहाडीयों को फिर से हासिल करने का ब्यौरा अभूतपूर्व है. उनके प्राण न्योछावर में भी गौरव की अनुभूति थी क्योकि उनकी रायफल का निशान दुश्मन के बंकर थे, बर्फ में उनकी जमी […]
त्यागी और तपस्वियों की भूमि भारत में अनेक तरह के योगी हुए हैं। केवल भारत ही नहीं, तो विश्व के धार्मिक विद्वानों, वैज्ञानिकों एवं चिकित्सकों को अपनी यौगिक क्रियाओं से कई बार चमत्कृत कर देने वाले सिद्धयोगी स्वामी राम का नाम असहज योग की परम्परा में शीर्ष पर माना जाता है। स्वामी राम का जन्म […]
डॉ. विधानचन्द्र राय का जन्म बिहार की राजधानी पटना में एक जुलाई1882 को हुआ था। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि विधानचन्द्र राय की रुचि चिकित्सा शास्त्र के अध्ययन में थी। भारत से इस सम्बन्ध में शिक्षा पूर्ण कर वे उच्च शिक्षा के लिए लन्दन गये। लन्दन मैडिकल क१लिज की एक घटना से इनकी धाक सब […]