नई दिल्ली. द क्विन्ट एक पूंजीवादी मालिक की वामपंथी विचारधारा व हिन्दू विरोध में डूबा वेब पोर्टल है. जो अक्सर हिन्दू त्यौहारों का मजाक बनाने या टिप्पणी करने में कोई कसर नहीं छोड़ता.
वेब पोर्टल ने अप्रैल माह में नवरात्रि के दौरान एक वीडियो प्रकाशित किया था, जिसमें सभी तर्क – कुतर्कों का उपयोग करते हुए यह साबित करने का प्रयास किया गया था कि नवरात्र के दौरान व्रत (फास्ट) रखना स्वास्थ्य व शरीर के लिए किस प्रकार हानिकारक है. व्रत करने से अचानक भार कम होता है, व्रत के बाद जल्दी भार बढ़ जाता है आदि-आदि. वीडियो में अन्ना हजारे, महात्मा गांधी, धर्मों को दिखाते हुए बायोलॉजिकल प्रभावों को बताया गया था. द क्विन्ट की वामपंथी विचारधारा जानने वालों को इस पर कोई हैरानी नहीं हुई.
अब दूसरा पक्ष देखें, रमजान शुरू हो चुका है, रोजे (फास्ट) चल रहे हैं. तो द क्विन्ट ने इस बार भी एक लेख प्रकाशित किया है, फास्ट (रोजे) को लेकर. लेकिन इस बार द क्विन्ट बहुत बड़ी खोज साथ लेकर आया है. द क्विन्ट ने खोज की है कि फास्ट रखने से कैसे शरीर को लाभ होता है, इसके क्या-क्या वैज्ञानिक फायदे हैं, यह दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद होता है और तो और हमें फास्ट को नियमित जीवन का हिस्सा बना लेना चाहिए. यानि रोजे रखना फिजिकल एक्सरसाइज की तरह हैं,…………
खुलेआम, हिन्दू विरोधी एजेंडे को चलाने का स्पष्ट उदाहरण है. देश या भारतीय समाज से जुड़ा कोई भी विषय हो, द क्विन्ट अपने वामपंथी एजेंडे के तहत ही पत्रकारिता करेगा.