अटल जी जैसा जननायक आज तक दूसरा कोई नहीं हुआ : श्री रामनाईक

लखनऊ. उप्र हिन्दी संस्थान के प्रेक्षागृह में गत 12 को लखनऊ से प्रकाशित मासिक पत्रिका राष्ट्रधर्म के ‘ हम सब के अटल जी ’ विशेषांक का लोकार्पण उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने किया. राज्यपाल ने इस अवसर पर अटल जी से अपने पांच दशक पुराने संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि अटल जी जैसा जननायक आज तक दूसरा कोई नहीं हुआ. वे दृढ़ विश्वास और कोमल हृदय का समन्वय रखने वाले अकेले जननायक हैं. अटल जी का व्यक्तित्व चुम्बकीय है जिससे उनके विरोधी भी प्रभावित होते रहे हैं. कहा कि आज भी उनकी वाणी सुनने को दिल तरसता है. बस कभी कभी चैनलों में उनकी रिकार्डेड आवाज ही सुनने को मिलती है. कहा कि वे पूरे देश के लोकप्रिय नेता हैं और उन्होंने स्वयं को हर क्षेत्र में प्रमाणित किया. वे संसदीय परम्परा का पूरा ध्यान रखते थे और नये सांसदों को आगे आने का अवसर प्रदान करते थे.

राज्यपाल ने कहा कि राजनीति में हार को भी स्वीकार करने का भी उनका अपना अलग ढंग था. बताया कि 1980 में मुंबई में भाजपा के महाधिवेशन में अटलजी ने अपने भाषण में कहा था कि ‘’ अंधेरा छंटेगा , प्रकाश आएगा , कमल खिलेगा ,’ . इसके बाद वर्ष 1984 में दो सांसद देने वाली भाजपा की मुंबई की फिर एक जनसभा में अटलजी को सुनने के लिये भारी भीड़ आई. जनसभा में अटल आए तो सिर्फ इतना ही कहा ‘ आप लोग हारे हुए अटल को देखने आए हैं ’ . इतना कहते ही भीड़ ठहाका लगाकर हंस पड़ी. राज्यपाल ने कहा कि अटलजी ने अपनी कुशलता से उन्होंने सफलतापूर्वक गठबंधन की सरकार चलायी. भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से अलंकृत करके उनके प्रशंसकों को प्रसन्न करने का काम किया है. राज्यपाल श्री नाईक ने कहा कि उन्हें अटल जी के साथ पाँच दशक से अधिक कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. अटल जी में बहुआयामी व्यक्तित्व , उत्कृष्ट वक्ता , कोमल हृदय कवि जैसे गुणों के अतिरिक्त सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी. बताया कि 1993 में जब मैं कैंसर रोग से पीडि़त हुआ तो लोक लेखा समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिये अटल जी के पास गया तो उन्होंने बड़ी भावुकता से मेरा उत्साहवर्धन किया. पोखरण परमाणु परीक्षण की सफलता के बाद अमेरिका ने आर्थिक प्रतिबंध लगाया तो देशवासियों का उनको पूरा समर्थन मिला. कारगिल के युद्ध के दौरान उन्होंने शहीदों के पार्थिव शरीर को उनके परिजन तक भेजने का निर्णय लिया. पेट्रोलियम मंत्री रहते हुए मेरा सुझाव कि शहीदों के आश्रितों को पेट्रोल पम्प व गैस ऐजेन्सी दिये जाने , को अटल जी ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान की. उन्होंने कहा कि अटल जी सहयोगियों के सुझाव पर तुरन्त निर्णय लेते थे.

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन श्री रामलाल जी ने कहा कि अटल जी में दूसरों को अपना बना लेने की विशेषता थी. घटक दलों के साथ उन्होंने सफलता से सरकार चलायी. वे अतिसंवेदनशील व्यक्ति थे जिन्हें दूसरों को जोडऩे का संस्कार मिला था. उन्होंने कहा कि अटल जी का बहुआयामी व्यक्तित्व चर्चा से परे है. लखनऊ के पूर्व महापौर व अटल जी के करीबी पदम्श्री डॉ. सतीश चन्द्र राय ने कहा कि राष्ट्रधर्म , अटल जी और लखनऊ के बीच एक अटूट संबंध था. लखनऊ से वे सांसद रहे और यहीं से प्रधानमंत्री बने. लखनऊ में उनके द्वारा अनेक बड़ी योजनाओं का शुभारम्भ किया गया. अपने ओजस्वी वक्तव्य के कारण वे एक वक्ता के रूप में जनता को प्रिय थे. उन्होंने कहा कि अटल जी का हिन्दी के प्रति विशेष प्रेम रहा है.

भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद श्री लालजी टण्डन ने अटल जी के साथ अपनी पुरानी यादों को साझा करते हुए कहा कि अटल जी अपनी पीड़ा को कविताओं के माध्यम से व्यक्त करते थे. उन्हें कभी किसी से कोई शिकायत नहीं रही. उन्होंने कहा कि वे सदैव आम आदमी के बीच में रहे. पत्रिका के संपादक श्री आनन्द मिश्र ‘ अभय ’ ने इस अवसर पर विशेषांक ‘ हम सब के अटल जी ‘ का परिचय दिया तथा कार्यक्रम का संचालन प्रबंधक श्री पवनपुत्र बादल ने किया. समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री शिवनारायण जी , प्रांत प्रचारक श्री संजय जी , सह प्रांत प्रचारक रमेश जी , रामचन्द्र जी , अभिजात मिश्र , प्रशांत भाटिया , वरिष्ठ पत्रकार सर्वेश सिंह , दिलीप अग्निहौत्री सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.

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