राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गुजरात प्रांत द्वारा 20 दिसंबर से 22 दिसंबर तक आयोजित त्रिदिवसीय “समर्थ भारत युवा संगम” शिविर के समारोप समोराह के मुख्य वक्ता श्री अरुणकुमार जी (अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख) ने अपने उद्बोधन में कहाँ कि आज का यह समापन का कार्यक्रम शायद जीवन में नई शुरुआत भी हो सकता है. देश में एक बड़ा वर्ग है जो मानता है कि विद्यार्थी यानि अनुशासनहीनता, मौज मस्ती आदि यह सामान्य समाज की युवाओ को देखने की एक दृष्टी है. परन्तु संघ ऐसा नहीं मानता संघ मानता है कि विद्यार्थी की एक विशेष दृष्टी है और वह जो सोचता है उसपर प्रयोग भी करना चाहता है.
किसी भी देश का भविष्य चार बातों पर निर्भर होता है कि युवा के हाथों में किताब कौनसी है, होठो पर गीत कौनसा है, कमरे में चित्र कौन से लगे है और वह क्या सोचता है? रा.स्व.संघ अपने प्रारंभकाल से ही युवाओ के आधार कार्य कर रहा है. युवा यहाँ आता है संघ को देखता है, जानता है, परखता है और फिर वह संघ को गहराई से समझकर संघ का ही हो जाता है.
किसी भी शिविर कि सफलता और सार्थकता इन तीन बातों पर निर्भर रहती है यानि शिविर में शिक्षार्थी को यह ध्यान में आना चाहिए कि
1. में कौन हूँ?
2. मुझे क्या करना है?
3. जो करना है उसकी तैयारी कैसे करनी है.
इस देश की सबसे बड़ी समस्या आत्म विस्मृति है. स्वामी विवेकानंदजी ने कहाँ है कि जब आत्म विस्मृति होती है तो आत्म गौरव शुन्यता आती है और जब आत्म गौरव शुन्यता हो आती है तो आत्महीनता भी आती है. जिस समाज का आत्मविश्वास समाप्त हो जाता है उस समाज का आत्मकृतत्व भी समाप्त हो जाता है. स्वामी विवेकानंद जी कि दो बातें आपको ध्यान में रखनी है एक हम ईश्वर की संतान है दूसरा सृष्टि पर जो कुछ भी है वह कुछ न कुछ उद्देश्य के साथ है. निश्चित लक्ष्य लेकर हर कोई आता है तथा भगवान ने इंसान को बुद्धि, चेतना अन्य से अधिक दी है ताकि इस सृष्टि का पालन एवं कल्याण कर सके. हम भारत में जन्मे है भारत यानि ज्ञान रथ जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है. भारत दुनिया का ऐसा अदभुत राष्ट्र है जिसमे राष्ट्र पहले बना राज्य बाद में आया. यहाँ एक जन एक संस्कृति है. ईश्वर ने भारत को विश्व को मार्ग दिखाने का कार्य सौपा है.
आज हिन्दु समाज स्वाभिमान के साथ खड़ा रहने को तैयार है वह हराना नहीं चाहता वह संघर्ष करने को तैयार है. हिन्दू राष्ट्र का आत्मविश्वास जग गया है. पिछले दिनों तीन महत्वपूर्ण बाते हुई.
5, 6, 7 अगस्त 2019 को 370, 35A निषप्रभावी हुई.
10 नवम्बर 2019 को राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रसस्त हुआ,
और CAA नागरिकता संशोधन अधिनियम लागु हुआ.
परन्तु समाज में अभी भी बहुत सी कुरीतिया बाकि है, अभी भी समाज में समरसता, एकात्मता की आवश्यकता है. हम अपने जीवन की रचना इस प्रकार करे कि हमारा हरेक कार्य देश सेवा के लिए हो. हमें अपना उत्थान खुद ही करना है उसके लिए बाहर से कोई आने वाला नहीं है.
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ध्रुवभाई शाह ने अपने उद्बोधन में कहाँ कि देशभक्ति के संस्कार उन्हें परिवार से ही प्राप्त हुए है मेरे दादा दादी ने आज़ादी की लड़ाई में भाग लिया था. उन्होंने बताया कि दायित्व मिले न मिले, हमें कुछ न कुछ अच्छा करने कि कोशिष करते रहना चाहिए, भले ही उसमे भूल क्यों न हो.
मंचस्थ अन्य महानुभावो में डॉ. श्री जयंतीभाई भाड़ेसिया ( पश्चिम क्षेत्र संघचालक), डॉ. श्री भरतभाई पटेल (प्रांत संघचालक, गुजरात प्रांत), श्री ध्रुवभाई शाह (प्रमुख, प्रसाद उद्योग समूह), श्री यसवंत भाई चौधरी (प्रांत कार्यवाह, गुजरात प्रांत), डॉ. रितेश भाई शाह ( शिविराधिकारी )
शिविर में 1792 शिक्षार्थी, 160 शिक्षक तथा 250 प्रबंधक पूर्ण समय उपस्थित रहे.