नई दिल्ली, अप्रैल 25: उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करके मांग की गई है कि ‘इंडिया’ का नाम बदल कर भारत किया जाना चाहिए। इस पर उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और राज्यों से जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने भारत के नामकरण पर उठाए गए सवालों का परीक्षण करने का आज निर्णय किया और केंद्र से उस याचिका पर जवाब मांगा कि ‘इंडिया’ नाम को बदलकर ‘भारत’ कर दिया जाना चाहिए। इस याचिका को महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता निरंजन भटवाल ने दायर की थी।
मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू और न्यायाधीश अरूण मिश्रा की पीठ ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को जनहित याचिका पर नोटिस भी जारी किया । इस याचिका में केंद्र को किसी सरकारी उद्देश्य के लिए और आधिकारिक पत्रों में इंडिया नाम का उपयोग करने से रोकने की मांग की गई है।
निरंजन भटवाल ने कहा कि यहां तक कि गैर सरकारी संगठनों और कॉरपोरेट्स को भी सभी आधिकारिक और अनाधिकारिक उद्देश्यों के लिए ‘भारत’ का उपयोग करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि, जनहित याचिका में कहा गया है कि संविधान सभा में देश का नाम रखने के लिए ‘‘भारत, हिंदुस्तान, हिंद और भारतभूमि या भारतवर्ष और उस तरह का नाम’’ रखने के प्रमुख सुझाव आए थे।
पिछले साल नवंबर में उच्चतम न्यायालय ने पहले भटवाल की दलील के साथ केंद्र सरकार के दृष्टिकोण को और उसे जवाब से संतुष्ट नहीं तो फिर से अदालत के दृष्टिकोण को स्वाधीनता दी थी। केंद्र प्रतिनिधित्व बनाने के करीब छह महीने से कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया गया था भटवाल ने फिर से अदालत दृष्टिकोण करने के लिए मजबूर किया गया था।
उल्लेखनीय है कि, याचिका पर रविवार, 18 सितंबर 1949 में भारत की संविधान सभा, संविधान हॉल, नई दिल्ली में मुलाकात की थी दावा किया है कि, नामकरण पर देश के लिए एक नामकरण समारोह बहस की। इस संदर्भ में, विभिन्न सुझावों को भारतीय गणतंत्र को दी जानी चाहिए कि एक उचित नाम पर आगे डाल दिया गया था।
प्रमुख सुझावों में भारत, हिन्दुस्तान, हिंदुस्तान, भारत भूमि या भारतवर्ष आदि नाम शामिल किया था । याचिकाकर्ता ने कहा कि, इंडिया के एवज में भारत का नाम उपयोग करते हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 में नाम “भारत” जोड़कर संविधान सभा का असली इरादा था। हिंदू शास्त्रों का हवाला देते हुए याचिका सम्राट “भारत” पूरी पृथ्वी पर शासन किया है कहा जाता है शब्द “भारत” सारी पृथ्वी के लिए भेजा था।
याचिका में कहा कि, महाराजा परीक्षित, कुरु वंश के अंतिम दुर्जेय सम्राट की मृत्यु तक, पूरी दुनिया भारतवर्ष के रूप में जाना जाता था। इसके अलावा दुनिया के एक महान सम्राट का शासन था । भारत ऋग्वेद में उल्लेख किया है।
यह सब अपने सरकारी और गैर-सरकारी संचार में अभिव्यक्ति “भारत” का उपयोग करें और उन में शब्द “इंडिया” की मदद से उन्हें नियंत्रित करने के लिए केंद्र, राज्यों, संघ शासित प्रदेशों, गैर सरकारी संगठनों और व्यापारिक घरानों निर्देशित करने के लिए अदालत से आग्रह किया।