इस देश की संस्कृति हम सब को जोड़ती है यह प्राकृतिक सत्य है – डॉ. मोहनजी भागवत

नागपुर 9 जून 2016 । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ   किसी प्रतिक्रिया के स्वरूप में काम नहीं करता, संघ का उद्देश्य संपूर्ण समाज को संगठित करना है , हिन्दुओं में शक्तिशाली संगठन बनना नहीं ।   ऐसा प्रतिपादन रा.स्व. संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत ने तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग समारोह कार्यक्रम में किया। रेशिमबाग के मैदान पर आयोजित कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि कोलकाता के साप्ताहिक “ वर्तमान ” के संपादक रंतिदेव सेनगुप्त थे।

डॉ. मोहनजी भागवत ने बताया कि शोषण मुक्त , समतायुक्त समाज का निर्माण करने के लिए संघ काम कर रहा है। संघ के स्वयंसेवकों के व्यवहार एवं निस्वार्थ सामाजिक कार्य के कारण संघ की लोकप्रियता बढ रही है। समाज सेवा का काम करने वाले कार्यकर्ताओं मे संघ भेद नहीं करता। जो संघ से संबधित नहीं है लेकिन निस्वार्थ भाव से समाज सेवा करते हैं , ऐसे समाज सेवकों के सम्पर्क में भी संघ रहता है तथा आवश्यक हो तो उन्हें सहायता भी देता।

डॉ. मोहनजी भागवत ने आगे कहा कि   इस देश मे विविध संप्रदाय एवं   रीति रिवाज हैं   लेकिन “ हम भारतवासी हैं ” सब की यह  समान  भावना है जिसे सिखाने की आवश्यकता नहीं है। इस देश की संस्कृति हम सब को जोड़ती है, यह प्राकृतिक सत्य है। हमारे संविधान में भी इसी भावनात्मक एकता पर बल दिया गया है तथा हमारी मानसिकता भी इन्हीं मूल्यों से ओतप्रोत है।

प.पू. सरसंघचालक जी ने सचेत किया कि देश की एकात्मता का सूत्र इतना मजबूत होते हुये भी इतिहास में अलगाववादी ताकतों के शक्तिशाली होने के कारण देश पराधीनता की बेड़ियों मे जकड़ा गया, इसे हमें भूलना नहीं चाहिये। यदि हमने इतिहास से सीख नहीं ली तो फिर से देश की एकता एवं स्वतंत्रता के लिये खतरा उत्पन्न हो सकता है।

श्री रंतिदेव सेनगुप्त ने इस अवसर पर कहा कि इस देश के सामाजिक विकास के लिए – देश की संस्कृति , परम्परा एवं धर्म चिंतन पर आधारित , जाति-पाति तथा छुआछूत से परे एक राष्ट्रवादी संगठन का निर्माण हो यह स्वामी विवेकानंद का स्वप्न डा. हेडगेवार जी ने रा. स्व. संघ की स्थापना कर पूर्ण किया। उन्होंने किसी संगठन का नाम लिए बिना राष्ट्रविरोधी अभियान चलाने वाली शक्तियों की आलोचना की।

श्री सेनगुप्त ने आगे कहा कि भारत की स्वतंत्रता के लिये लड़ने वाले सुभाषचंद्र बोस के लिए अपशब्दों का प्रयोग करने वाली , भारत के टुकडे कर कश्मीर , केरल ,  मणिपुर को भारत से तोड़ने की बातें करने वाली शक्तियां कभी सफल नहीं होंगी लेकिन देशवासियों को इन शक्तियों से सावधान रहकर गुजरात से बंगाल तक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक “ भारत माता की जय ” का घोष करना होगा।

संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह के मंच पर महानगर संघचालक श्री राजेशजी लोया , वर्ग के सर्वाधिकारी वन्नीय राजन उपस्थित थे। प्रास्ताविक एवं आभार प्रदर्शन वर्ग कार्यवाह हरीशजी कुलकर्णी ने किया। शिक्षा वर्ग में 978 स्वयंसेवक शिक्षार्थियों ने भाग लिया।

समापन समारोह में शिक्षार्थियो ने योगासन तथा व्यायाम योग प्रात्यैक्षिक प्रस्तुत किया। इस अवसर पर राष्ट्र सेविका समिति की संचालिका शांताक्का जी एवं अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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