नई दिल्ली. शनिवार देर रात्री एक और ऋषि इस संसार को छोड़कर चले गए. देर रात 11.40 पर उनका निधन हो गया. सोहन सिंह जी पुत्र राम स्वरूप जी यादव का जन्म दशहरा, नवमी अश्विन शुक्ल पक्ष, विक्रम संवत् – 1980, 18 अक्टूबर, 1923 गुरुवार को ग्राम-हर्चना, जिला बुलन्दशहर, उत्तर प्रदेश में हुआ था. वह परिवार में तीन भाई व तीन बहनों में सबसे छोटे थे.
सन् 1942 में बीएससी अन्तिम वर्ष की परीक्षा देने के पश्चात् वायुसेना में अधिकारी के पद पर उनका चयन हो गया था. लेकिन सेना की नौकरी में नहीं जाकर वर्ष 1943 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक बने. उन्होंने वर्ष 1943, 1944 व 1945 में क्रमशः प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष (मेरठ) व तृतीय वर्ष का संघ का शिक्षण प्राप्त किया.
प्रारम्भ में वर्ष 1943 से 1948 तक करनाल, रोहतक, झझर, अम्बाला छावनी में तहसील प्रचारक रहे. वर्ष 1949-1956 तक करनाल जिला प्रचारक, वर्ष 1957-1963 तक हरियाणा संभाग प्रचारक, 1963-1970 तक दिल्ली संभाग प्रचारक, वर्ष 1970-1973 तक पुनः हरियाणा संभाग प्रचारक, वर्ष 1973-77 तक जयपुर विभाग प्रचारक, वर्ष 1977-1987 तक राजस्थान (संयुक्त) प्रान्त प्रचारक, वर्ष 1987-96 सह क्षेत्र प्रचारक व क्षेत्र प्रचारक उत्तर क्षेत्र, वर्ष 1996-2000 तक अखिल भारतीय धर्म जागरण प्रमुख, वर्ष 2000-2004 तक उत्तर क्षेत्र प्रचारक प्रमुख रहे. वर्ष 2004 के बाद स्वास्थ्य लाभ हेतु दायित्व मुक्त रहे.
पिछले तीन महिनों से गम्भीर रूप से अस्वस्थ थे, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एक माह उनका ईलाज भी चला. 4 जुलाई, 2015 रात्रि 11.40 बजे लम्बी अस्वस्थता के पश्चात् 92 वर्ष की आयु में उनका स्वर्गवास हो गया. उन्होंने अपने आदर्शवादी, ध्येयनिष्ठ व कर्मठ जीवन से हजारों स्वयंसेवकों को प्रेरणा देकर राष्ट्र कार्य करने के लिए प्रेरित किया.