कश्मीरी पंडित कहाँ रहें, यह कहने का कोई अधिकार पाक-परस्त अलगाववादियों को नहीं – विश्व हिंदू परिषद

दिल्ली , ९ अप्रैल, २०१५

 कश्मीर के विस्थापित पंडित और सिख कहाँ रहें, इस विषय पर पाक -परस्त अलगाववादी अनेक प्रकार की धमकियाँदे रहे हैं और कश्मीर बंद भी करा रहे हैं। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए विश्व हिंदू परिषद के आंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्षडॉ प्रवीण तोगड़िया ने कहा, ” १९४७ से और फिर १९९० में और उस के बाद भी पाक-परस्त अलगाववादियों नेकाश्मीरी पंडितों और सिखों का सामूहिक नरसंहार किया, उन्हें उन  घरों-खेतों , दुकानों-कारखानों से मारकर,महिलाओं  बेइज्जती कर विस्थापित किया। पाक-परस्त अलगाववादियों के वे अत्याचार आज भी उन सभी कश्मीरीपंडितों, सिखों के और भारत के हर नागरिक के दिलों की दुखती जख्म है। पाक के प्रति जिन का  प्रेम दुनिया को पताहै ऐसे जिहादियों ने किया हुआ वह महा भयंकर वंशीय नरसंहार था ! आज जब उन विस्थापित भारतीयों को उन केअपने खोये हुए  अधिकार देने और उन का अपना क्षेत्र वापस देने की बात चली है तब देशद्रोही अलगाववादियों का नहीं बनता कि वे काश्मीरी पंडितों, सिखों या भारत  के किसी अन्य नागरिक को धमकियाँ दें, बंद घोषित करब्लैकमेल करें और यह बताएं कि काश्मीरी पंडित उन के अपने कश्मीर में कहाँ रहें! यह सम्पूर्ण क्षेत्र भारत का है। वहाँकौन कहाँ रहें इस विषय में अपना नाक डालने का प्रयास अलगाव वादी ना हो करें तो  ही बेहतर          होगा। पहलेजिहादी मशर्रत आलम को रिहा करना, फिर दिल्ली में बार बार पाकी उच्चायुक्त से मिलना, फिर काश्मीर से सेना औरसेना के विशेष अधिकार हटाने माँग राज्य सरकार से करवाना, उसी दौरान ३ घंटों में पोलिस और सेना पर ३ जिहादीहमलें और अब काश्मीरी पंडितों का पुनर्वसन कहाँ हो इस पर भी टांग अडाना ये सभी घटनाएँ यही दर्शाती हैं कि १९४७और १९९० का आतंक दोहराने की ही दिशा में पाक-परस्त अलगाववादी बढ़  रहे हैं ! भारत की जनता मौन रहकर अबऐसे जिहादी अत्याचार भारत  पर नहीं होने देगी। “

 जम्मू कश्मीर के हिन्दुओं  की और वहाँ सेना की सम्पूर्ण सुरक्षा की माँग दोहराते हुए डॉ तोगड़िया ने कहा, “काश्मीरमें  कश्मीरी पंडितों, सिखों और अन्य हिन्दू विस्थापितों को फिरसे सम्मान से पुनर्वसित करने के लिए और उस  बादवहाँ उन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए  भारत सरकार और राज्य सरकार एक सर्वंकष समयबद्ध योजना बनाएँऔर उसे देश के सामने रखें।

 पाक – परस्त अलगाववादियों के दबाव में देश नहीं झुकेगा ! ३ से अधिक पीढ़ियाँ वहाँ अपना सब कुछ खोकरआक्रोशित हैं, ४ लाख से अधिक विस्थापित हैं, १९९० के बाद भी  ७०,००० से अधिक भारतीय  नागरिक  घाटी में मारेगएँ हैं ! भारत अब ऐसे में अधिक सहने की मनस्थिति में नहीं। काश्मीरी पंडितों और विस्थापित सिखों , अन्यहिन्दुओं के सभी  मानवाधिकारों की रक्षा वे जहाँ फिरसे बंसना चाहते हैं वहाँ और वे जहां आज हैं वहाँ भी हो यहसुनिश्चित हो। जम्मू काश्मीर की सम्पूर्ण जमीन भारत की है और उसमें से एक इंच पर भी पाक-परस्तअलगाववादियों का अधिकार नहीं। जम्मू काश्मीर में हिन्दुओं के कल्याण के विषय में अपना पाकी नाक डालनाअलगाव वादी तुरंत बंद करें।  काश्मीरी पंडितों को घाटी में पुनर्वसित करने के विरोध में धमकियाँ देकर और ‘बंद’ काऐलान देकर अलगाववादियों ने देशद्रोह किया है।  इस के लिए सरकार उन सभी अलगाववादियों को तुरंत गिरफ्तारकरें और उनपर फ़ास्ट ट्रैक न्यायालय में आतंक फैलाना और देशद्रोह के मुकदमें चलायें। “

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