राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा “जम्मू-कश्मीर – राष्ट्रीय एकात्मता का संकल्प” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. जिसमें अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार जी मुख्य वक्ता रहे.
जम्मू कश्मीर के विषय में चर्चा करते हुए अरुण जी ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर में जो निर्णय लिया जा सका है, उसका श्रेय महाराजा हरि सिंह, ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह, मकबूल शेरवानी, मास्टर अब्दुल अजीज, कर्नल चुआंग, पंडित प्रेमनाथ डोगरा, बलराज मधोक और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे वीरों के बलिदान को जाता है. उन्होंने अपने प्राण समर्पित कर दिए और इनके प्रयासों से आज कश्मीर में एक विधान, एक प्रधान और एक निशान का संकल्प पूरा हुआ है.
अरुण जी ने अनुच्छेद 370 पर डॉक्टर आंबेडकर के विचारों के विषय में भी चर्चा की. साथ ही अन्य समकालीन नेता इस विषय में क्या विचार रखते थे, इस पर भी प्रकाश डाला. जम्मू-कश्मीर के विलय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरुजी एवं संघ की भूमिका पर भी विस्तृत चर्चा की. अरुण जी ने कहा कि 72 वर्षों की यात्रा में देश के हर देशप्रेमी नागरिक, विभिन्न सामाजिक संगठनों और यहां तक कि विपक्ष के नेताओं ने भी कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने में अपना सहयोग दिया.
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 तो हटाया जा चुका है, मगर अभी हमें अलगाववाद, आतंकवाद और कट्टरवाद से जम्मू कश्मीर को मुक्त करना है, इसके बिना जम्मू कश्मीर कभी समृद्धि और शांत नहीं हो पाएगा.
जम्मू कश्मीर से अनुछेद 370 हटाए जाने के बाद राष्ट्र के अन्य लोगों की इसमें क्या भूमिका हो, इस विषय पर बात करते हुए अरुण जी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों में देश के साथ एकात्मता का भाव जागृत करने के लिए यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम एक राष्ट्रीय आंदोलन खड़ा करें और हम जम्मू कश्मीर के लोगों को यह अहसास दिलाएं कि देश उनका स्वागत करता है और देश के सभी लोग उनके विकास में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.