नहीं रहे ‘कॉमनमैन’, आरके लक्ष्मण

​देश के महान कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण का सोमवार को करीब सात बजे पुणे के अस्पताल में निधन हो गया. वे 94 वर्ष के थे. उनका अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे बैकुंठ श्मशान घाट में होगा.

24 अक्टूबर 1921 में जन्मे पद्म विभूषण और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित आरके लक्ष्मण ने 50 साल से अधिक समय से अपने कार्टून कैरेक्टर ‘कॉमन मैन’ के जरिये कई अनछुए पहलुओं को रोचक तरीके से उजागर किया.

आरके लक्ष्मण देश के एक मात्र कार्टूनिस्ट थे जिनके कार्टून हमेशा टाइम्स ऑफ इंडिया के पहले पृष्ठ पर छपे. कभी अंदर के पेज में नहीं छपे.​

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि “लक्ष्मण के निधन की सूचना पाकर उन्हें गहरा दुख हुआ. राष्ट्रपति ने सोमवार को अपने शोक संदेश में कहा, मैं व्यक्तिगत तौर पर क्षति महसूस कर रहा हूं, क्योंकि उनका प्रशंसक होने के साथ-साथ मैं उनके कार्टूनों का विषय भी रहा हूं. उन्होंने हास्य का इस्तेमाल करते हुए महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश दिया और लोगों को इस बात की याद दिलाई कि प्रशासन में बैठे लोग भी इंसान हैं तथा उनसे भी गलतियां हो सकती हैं”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘आरके लक्ष्मण, भारत आपकी कमी महसूस करेगा. हम आपके प्रति कृतज्ञ हैं कि आपने हमारे जीवन में जरूरी हास्य को जगह दी और हमारे चेहरों पर हमेशा मुस्कुराहट लाए.

महाराष्ट्र सरकार ने “द कॉमन मैन” के रचनाकार के सम्मान में उनकी अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ ​करने का निर्णय लिया हैं . लक्ष्मण का जन्म 24 अक्टूबर, 1921 को कर्नाटक के मैसूर में हुआ था. उनका पूरा नाम रासिपुरम कृष्णास्वामी अय्यर लक्ष्मण था. बचपन से ही उनका रूझान स्केचिंग की ओर था.

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