13.05.2017
मुंबई (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले जी ने कहा कि समाज को कैसा होने की शिक्षा देने वाले पत्रकारों (मीडिया) को देखने, बोलने और लिखने को लेकर आत्मपरीक्षण करना चाहिए. पत्रकारों को अपने व्यवहार में पारदर्शिता रखनी चाहिए और नैतिकता का मापदंड अपनाना चाहिए. समाज में सकारात्मकता लाने के लिए अपने आसपास जो भी अच्छा हो रहा है, उसे प्रमुखता से स्थान देना चाहिए. हमारा वाचक या दर्शक वर्ग कम होगा, ऐसा डर मन में नहीं रखना चाहिए.
सह सरकार्यवाह जी नारद जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित पत्रकार सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे. विश्व संवाद केंद्र मुंबई (कोंकण प्रांत) के तत्वाधान में महर्षि नारद की जयंती के अवसर पर देवर्षि नारद पत्रकारिता पुरस्कार निमित्त समारोह का आयोजन किया गया था. समारोह में हिन्दुस्थान प्रकाशन संस्था व साप्ताहिक विवेक के रमेश पतंगे, दूरदर्शन की पत्रकार ज्योति आंबेकर, दैनिक सागर के सह संपादक भालचंद्र दिवाड़कर, इंडियन एक्सप्रेस की वरिष्ठ संपादक शुभांगी खापरे, दैनिक सामना के सह संपादक अतुल जोशी और टाइम्स ऑफ इंडिया के श्रीराम वेर्णेकर को नारद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.
दत्तात्रेय होसबले जी ने कहा कि आज भी सकारात्मक समाचारों का दर्शक व वाचक वर्ग है. एकाध शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और न्यायाधीश की निष्पक्षतापूर्ण भूमिका पत्रकारिता में होनी चाहिए. पत्रकारों के लिए सामाजिक जिम्मेदारी आवश्यक है. उन्होंने पत्रकार नारद जयंती कार्यक्रम व पुरस्कार की परंपरा शुरु करने के लिए विश्व संवाद केंद्र का अभिनंदन किया. जब यह पुरस्कार शुरु किया गया तो सम्मिश्र प्रतिक्रियाओं का दौर शुरु हो गया था, पर आज यह प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है.
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