परम पूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत ने किया ‘समग्र वंदे मातरम’ का विमोचन

मुंबई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के परम पूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत ने मंगलवार, 16 दिसंबर को लोगों से ‘वंदे मातरम’ पर लिखी गयी एक पुस्तक पढ़ने का परामर्श जेते हे कहा कि इन दो शब्दों ने पिछले 140 सालों से देश को प्रेरित किया है.

परम पूज्य ‘समग्र वंदे मातरम’ ग्रंथ के दो अंकों का विमोचन करने के बाद शाम यहां एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. यह किताब बंकिम चंद्र चटर्जी की प्रसिद्ध रचना पर केंद्रित है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह किताब जरूर पढ़नी चाहिये. हम आमतौर पर घर में भगवद् गीता रखते हैं. हम इसे पढ़ते नहीं हैं, लेकिन रखते हैं.’’ परम पूज्य ने कहा, ‘‘लोग इसे (गीता) अपने घरों में रखते हैं भले ही वह इसे ना पढ़ें. इसी तरह इस किताब को भी घर में रखना चाहिये और हर दिन पढ़ना चाहिये.’’

संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘वंदे मातरम केवल दो शब्द नहीं हैं बल्कि एक मंत्र है जो फांसी पर चढ़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के होठों पर था.’’ इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव भी मौजूद थे, जिसमें बंकिम चंद्र के वंशज शांतनु चट्टोपाध्याय को सम्मानित किया गया.

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