बैंगलूरू (विसंके). विश्व हिंदू परिषद के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर बैंगलूरू के नेशनल कालेज मैदान में हिंदू समाजोत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के शुभारंभ में संतों ने भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित किये. तत्पश्चात पूरा पंडाल धार्मिक नारों से गूंज उठा. भगवान गणेश की स्तुति की गई, उसके बाद विहिप का संगठन गीत गाया गया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी ने सर्वप्रथम संतों को प्रणाम किया. उन्होंने भारत में हिंदू के रूप में जन्म को सौभाग्य की बात कहा, यह पवित्र भूमि है. भारत भूमि ने अनेक उतार चढ़ाव और आक्रमणों का सामना किया है. हम में से प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य देश और संस्कृति की रक्षा करना है, विश्व में केवल भारत ही हिंदुओं की धरा है. भारत के बिना हिंदू नहीं और हिंदुओं के बिना भारत का अस्तित्व नहीं.
उन्होंने कहा कि समाज में अभी भी बहुत सी कुरीतियां हैं, हमें समाज से इन कुरीतियों को समाप्त करने के लिये एक साथ मिलकर कार्य करना होगा. अस्पृश्यता समाज की एक कमजोरी है, जिसे समाप्त करना आवश्यक है. साथ ही क्षेत्रवाद और जातिवाद की भावना भी देश के लिये खतरनाक है. मैं इस क्षेत्र या इस जाति से संबंध रखता हूं, यह भावना समाज को कमजोर करती है. हिंदुओं को किसी अन्य देश में जगह नहीं मिल सकती. वसुधैव कुटुंबकम यानि पूरा विश्व एक है, यह संदेश हमने ही दिया है. हिंदू सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय का चिंतन करता है. स्वामी विवेकानंद ने भी कहा था कि यदि भारत में धर्म विद्यमान है, तभी विश्व में धर्म बचेगा. यह हमारा दायित्व है कि हम विश्व को रास्ता दिखायें. विश्व कल्याण के लिये एक साथ मिलकर प्रयास करें.
विहिप के कर्नाटक दक्षिण प्रांत के सचिव ताप शेनाय ने समस्त गणमान्यजनों का स्वागत करने के साथ ही, मंच पर उपस्थित महानुभावों का परिचय करवाया. समस्त संतों का हिंदू परंपरा के अनुसार स्वागत किया गया. दक्षिण प्रांत अध्यक्ष एमपी पौरानिक ने विश्व हिंदू परिषद संगठन और उसके कार्य के संबंध में जानकारी दी. निम्न वर्ग के बंधुओं की स्थिति को लेकर चिंता और किये जा रहे कार्यों के बारे में भी बताया.धर्मस्थल मंदिर धर्माधिकारी वीरेंद्र जी ने कहा कि हम अपने गौरवशाली अतीत और देश ने जिन चुनौतियों का सक्षमता से सामना किया है, उससे अनभिज्ञ हैं. बंटे हुये समाज का लाभ उठाकर ही शत्रु हम पर शासन कर पाये. विहिप ने विभिन्न माध्यमों से हिंदू समाज को एकजुट करने का कार्य किया है. पचास वर्षों में विहिप ने समाज से विभिन्न कुरीतियों को समाप्त करवाया है. धर्मस्थल मंदिर न्यास ने भी गरीबों के उत्थान और उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के प्रकल्प शुरू किये हैं. उन्होंने विहिप को कार्य के लिये शुभकामना प्रदान की.
विहिप महिला विंग की अध्यक्षा श्रीमती रामरत्ना ने महिला विंग की गतिविधयों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि मातृशक्ति समाज के समक्ष चुनौतियों का सामना करने में अहम साबित हो सकती हैं, चाहे वह धर्मांतरण हो, लव जिहाद हो, अस्पृश्यता हो या फिर अन्य. महिला विंग लड़कियों को समाज के समक्ष चुनौतियों को लेकर शिक्षित करना, आत्मरक्षा के लिये प्रशिक्षण प्रदान करना, परिवार के पालन पोषण में महिला की भमिका बताने का कार्र्यय कर रहा है.
विश्वेश्वरा तीर्थ स्वामी जी ने हिंदू समाज को संगठित होने का आह्वान किया. हमने अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिये प्रस्ताव पारित किया है, लेकिन यह प्रस्ताव केवल नारा न रहे, समाज में परिवर्तन का आधार बने. यदि समाज में फैली कुरीतियों और देश के सामने खड़े खतरों के प्रति सजग होंगे तो उनका सामना करने में भी सक्षम होंगे.बेली मठ के शिवरुद्रा स्वामी जी ने कहा कि समाज से कुरीतियों को समाप्त करने के लिये विहिप का कार्य उदाहरण है. कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात जब हमें नई पहचान मिली, तो हिंदूओं के समक्ष कई चुनौतियां थीं. अनेक ताकतें हिंदू समाज और देश के खिलाफ कार्य कर रही थीं. मीनाक्षीपुरम की तरह धर्मांतरण का मामला हो या फिर देश में आतंकी हमले हों. नित्य साजिशें चल रही हैं.
स्वामी जी ने कहा कि हम अपने बच्चों से मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करने का अवसर छीन रहे हैं. साथ ही बच्चों को नैतिक मूल्यों से संवर्धित शिक्षा प्रदान करने में भी असफल हैं, हमारे गौरवपूर्ण इतिहास की जानकारी भी बच्चों को नहीं दे रहे, जब भी कभी स्कूलों में पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रयास होता है तो भगवाकरण का शोर शुरू हो जाता है और प्रयास को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता. कुछ कहते हैं कि हिंदू की परिभाषा को लेकर असमंजस है. पर वास्तव में असमंजस जैसी कोई स्थिति नहीं है. भारत भूमि पर रहने वाला प्रत्येक नागरिक हिंदू है, संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरूजी ने भी इसे स्पष्ट कर दिया था. स्वामी जी ने समाज से मिलकर चुनौतियों के समक्ष खड़े होने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि विहिप समाज के उत्थान के लिये कार्य कर रही है, समाज सेवा के विभिन्न प्रकल्प चलाये जा रहे हैं. हिंदू समाज एक हजार साल से धर्मांतरण का शिकार हो रहा है, विभन्न माध्यमों से धर्मांतरण का क्रम आज भी जारी है, और इनका राष्ट्र विरोधी कार्य में उपयोग हो रहा है. इसलिये विहिप घर वापसी अभियान को जारी रखेगी, अपने मातृ धर्म में वापसी की इच्छा रखने वाले बंधुओं की घर वापसी होगी. स्वामी विवेकानंद भी कहते थे कि एक हिंदू मुस्लिम या ईसाई बनता है तो समाज का एक शत्रु बढ़ जाता है. मुस्लिम और ईसाई बने कई लोगों ने वापिस हिंदू धर्म में लौटने की इच्छा व्यक्त की है, और विहिप समय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुये अभियान को जारी रखेगी.विहिप के दक्षिण कर्नाटक प्रांत संगठन सचिव गोपाल जी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. सरकार ने डॉ तोगड़िया जी के आगमन पर प्रतिबंध लगाकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार छीना है. एक औवेसी है जो 15 मिनट में हिंदुओं को भगाने के दावे करता है, दूसरी ओर सरकार बच्ची के साथ दुराचार के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है. प्रदेश सरकार हिंदुओं के मठ मंदिरों का अधिग्रहण करने का प्रयास कर रही है. सरकार की हिंदू विरोधी नीति की शर्मनाक है, जिसकी निंदी करते हैं.
विश्वेश्वरा स्वामी जी ने कहा कि धर्मांतरण का क्रम लंबे समय से चल रहा है, लेकिन हमारे राजनीतिज्ञ चुप बैठे रहे हैं. ऐसे बंधुओं की पुन हिंदू धर्म में वापसी को अपराध के रूप में पेश किया जा रहा है. उन्होंने घर वापसी पर बिना कारण शोर मचाने वालों से पूछा कि यदि धर्मांतरण अपराध नहीं है, तो फिर घर वापसी को अपराध कैसे दिखाया जा रहा है. लेकिन आज तक इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है. धर्मांतरण को पूरी तरह से रोका जाना चाहिये. उन्होंने सरकार के दोहरे रवैये की निंदा की.
स्वामी जी ने धर्मांतरण के लिये केवल अन्य लोगों को दोष नहीं दिया. कहा कि हिंदू समाज में व्याप्त अस्पृश्यता को भी धर्मांतरण के लिये दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेवारी है कि दलित वर्ग के लिये समाज में बेहतर वातावरण बनाया जाये. समाज में अस्पृश्यता को जड़ से समाप्त किया जाये. हिंदू समाज को चुनौतियों का सामना करने के लिये शक्तिशाली बनना होगा. विहिप सहित अन्य संगठन इस ओर कार्य कर रहे हैं. कार्यक्रम के अंत में कृष्णामूर्ति ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया.