भारत के सेवा प्रकल्पों को अध्यात्म का अधिष्ठान है – डॉ. मनमोहन वैद्य

पुणे (विसंकें). शनिवार, 18 जनवरी को सेवा संगम प्रदर्शनी का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य जी, पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोळ, पुणे महानगर निगम के स्वच्छता  सेवा दूत महादेव जाधव और अभिनेत्री युक्ता मुखी ने किया. पुणे की उपमहापौर सरस्वती शेंडगे और पुणे महानगर संघचालक रवींद्र वंजारवाडकर मंच पर उपस्थित थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से ‘सेवा संगम’ प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. सह सरकार्यवाह जी ने उद्घाटन कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे.

डॉ. मनमोहन जी ने कहा कि “समाज के लिए सेवा भाव से जारी अनेक काम ‘सेवा संगम’ प्रदर्शनी में देखने को मिलते हैं, इसलिए यह प्रदर्शनी देखने वालों को भी सेवा कार्य करने की प्रेरणा निश्चित मिलेगी.”

सारे विश्व में सेवा प्रकल्प जारी हैं, लेकिन भारत के सेवा प्रकल्पों को अध्यात्म का अधिष्ठान है, इसलिए उनका अलग महत्त्व है. सेवा प्रकल्प चलाने वाली संस्थाओं में विश्वास बना है कि वे समाज को कुछ दे सकती हैं. आध्यात्मिक संस्कारों के कारण अहंकार कम होकर सामाजिक भावना को बड़ा स्थान मिलता है. सेवा करना हमारा धर्म होने के कारण अपने बंधुओं के लिए तथा समाज के लिए कार्य करने की हमारी प्रवृत्ति है. इससे समाज का सेवा धर्म और बढ़ना चाहिए. पुणे नगर निगम द्वारा स्वच्छतादूत के रूप में घोषित महादेव जाधव को उद्घाटन समारोह में मनमोहन जी के हाथों सम्मानित किया गया.

पुणे के साथ पश्चिम महाराष्ट्र से 125 संस्थाएं प्रदर्शनी में सम्मिलित हुई थीं. संघ के साथ ही जनकल्याण समिति, सेवा वर्धिनी, सेवा सहयोग, समर्थ भारत और स्पार्क संस्थाओं ने इस प्रदर्शनी का संयोजन किया था. शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम विकास, महिला सशक्तिकरण, रोजगार, स्वावलंबन, संस्कार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में जारी समाजोपयोगी कार्यों की जानकारी प्रदर्शनी से दी गई. प्रदर्शनी में दो दिनों में हजारों पुणेवासियों उपस्थिति दर्ज करवाई. साथ ही विभिन्न संस्थाओं के कार्यों में सहभागी होने की भी इच्छा व्यक्त की. वारली चित्रकला, पारंपरिक कला, कुम्हार काम के साथ-साथ विभिन्न विषयों पर कार्यशाला में भी नागरिकों से भरपूर प्रतिसाद मिला.

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