मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित हंगपन दादा – बलिदान दिवस 27 मई 2016

कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्‍टर में चार आतंकियों को घुसपैठ करते हुए देखा गया. उन पर लगातार नजर रखी जा रही थी. साबू पोस्‍ट पर तैनात हंगपन दादा को सूचित किया गया कि मीरा नार से साबू की तरफ चार आतंकियों की ‘हरकत’ देखी गई है. दादा को उनकी टीम के साथ मीरा नार की तरफ से निकल भागने वाले रूट को ब्‍लॉक करने को कहा गया. इसके बाद आतंकियों पर फायरिंग की गई. दादा आगे बढ़े और उन्‍होंने छिपे एक आतंकी को ढेर कर दिया. इसके बाद दादा ने अपने साथी से कहा कि मैं आगे जाता हूं, तुम मुझे सपोर्ट फायर देना. इसके बाद उन्‍होंने आगे बढ़ते हुए दूसरे आतंकी को भी खत्‍म कर दिया. इसके बाद टीमें दो टोली में बंट गई. इनमें एक हंगपन दादा की टोली थी. हवलदार दादा ने सबसे पहले लीड करते हुए तीसरे आतंकी को सामने से मार गिराया. लेकिन जब वे और आगे बढ़े तो चौथे आतंकी ने उन्‍हें पेट में गोली मार दी. थोड़ी देर बाद वे पेट पकड़कर दोबारा हिम्‍मत जुटाते हुए दोबारा खड़े होने की कोशिश की, लेकिन उन्‍हें दोबारा आतंकी की गोली लगी. उनकी इस कार्रवाई से चौथे आतंकी को भी ढेर कर दिया गया.

दादा की शहादत की याद में असम रेजिमेंटल सेंटर ने अपने मुख्य ऑफिस का नाम ‘हंगपन दादा’ रख दिया है. अरुणाचल प्रदेश भी राज्य में उनके नाम पर फुटबॉल और वॉलीबॉल टूर्नामेंट की शुरुआत हो चुकी है.

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