मुम्बई, मार्च 3 : महाराष्ट्र में गोहत्या पर प्रतिबंध लगानेवाले विधेयक को सोमवार को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। यह विधेयक कई साल से लंबित था। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी विधेयक को मंजूरी देने के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के फैसले पर खुशी जताई। फडणवीस ने ट्विटर पर कहा, ‘महाराष्ट्र पशु संरक्षण विधेयक पर सहमति देने के लिए माननीय राष्ट्रपति महोदय बहुत-बहुत धन्यवाद। गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने का हमारा सपना अब हकीकत में तब्दील हो जाएगा।’ इस नए कानून के तहत यदि कोई भी व्यक्ति गो-हत्या करते हुए अथवा गो-मांस रखते या बेचते हुए पकड़ा गया तो उसे 5 साल की सख्त सज़ा होगी, साथ ही उसपर 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुंगटीवार ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि राष्ट्रपति ने आखिरकार अपनी मंजूरी दे दी। हम इस विधेयक को पारित कर कानून का रूप देने के लिए पिछले कई साल से कड़ी मेहनत कर रहे हैं। यह न सिर्फ पशुओं की हत्या पर रोक सुनिश्चित करेगा बल्कि कृषि की स्थिति को भी स्थिर करेगा। पशुओं की हत्या नहीं होने से कृषि की उत्पादकता बढ़ेगी…यहां तक कि पैसों के लिए स्वस्थ पशुओं को मारा जा रहा है।’
सांसद किरीट सोमैया के नेतृत्व में राज्य भाजपा के सात सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में राष्ट्रपति से नई दिल्ली में मुलाकात की थी और विधेयक को मंजूरी देने के लिए एक ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में कहा गया था कि पिछली शिव सेना-भाजपा सरकार के समय पारित किया गया महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) विधेयक 1995 पिछले 19 साल से मंजूरी के लिए लंबित था।
गौरतलब है कि केंद्र में जब से भाजपा के नेतृत्व में राजग सरकार का गठन हुआ है, तब से गोहत्या पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। इस सिलसिले में प्रतिदिन सरकार को सैकड़ों आवेदन मिल रहे हैं। इनमें से कई प्रतिवेदन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद सदस्यों को भेजे गए थे, जिन्हें आवश्यक कार्रवाई के लिए कृषि मंत्रालय के पास भेज दिया गया। गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग सभी आवेदनों में की गई है। इसके अलावा धार्मिक उत्सवों के दौरान हजारों स्वस्थ गायों की हत्या और पड़ोसी देशों में इसकी तस्करी पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।