राष्ट्र सेविका समिति द्वारा गुजरात के विभिन्न स्थानों पर 7 शिबिरो का आयोजन किया गया. राज्य के सीमावर्ती, वनवासी तथा शहेरी क्षेत्र से 900 से अधिक बहेनो को इन शिबिरो में सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण दिया गया. जिसमे तलवार, लाठी, कराटे (नियुद्ध) सिखने के लिए छोटी आयु की बहेनो के साथ वयोवृद्ध बहेनो ने भी उत्साह पूर्ण भाग लिया.
राष्ट्र सेविका समिति 80 वर्षो से एक अखिल भारतीय महिला संगठन के रूप मे कार्यरत है. जिसके द्वारा प्रतिवर्ष देश-विदेश में बहेनो के लिए 7 दिवसीय शिबिर का आयोजन किया जाता है. उसी क्रम में गुजरात के धोलका, धानेरा, मोरबी, सूरत, खेडा, राजकोट, कच्छ आदि जिलो में कुल 11 शिबिरो का आयोजन किया गया. जिनमे स्वरक्षण के प्रशिक्षण के अलावा बेंड के साथ संचलन, कब्बडी आदि खेलो के साथ महिलओं की आंतरिक शक्ति विकसित करने तथा आत्म विश्वास बढ़ाने का प्रयास किया गया.
इन शिबिरो में वर्तमान समय में देश के सामने की समस्याएं को सुलझाने में महिलाओ की भूमिका, शिशु पालन, सोशिअल मीडिया, मानसिक स्वरक्षण आदि विषयों पर बौद्धिक तथा चर्चा का आयोजन किया गया. कुछ शिबिरो में आसपास के गाँव की बहेनो द्वारा शिबिर में भाग ले रही बहेनो के लिए लगातार 7 दिनों तक रोटी की व्यवस्था अपने घर से की गई. इन शिबिरो में सामान्य गृहणी से लेकर डॉक्टर, वकील, विद्यार्थी आदि बहेनें सहभागी हुई.
इसके अलावा समिति का के दिवसीय शिबिर सुरेन्द्रनगर जिले के हलवद तथा उत्तर गुजरात में कलोल में चल रहे है. जिनमे 125 बहेने प्रशिक्षण ले रही है.
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