राष्ट्रीय प्रश्नों को जन-जन तक पहुँचना आज के समय की मांग है – श्री भैयाजी जोशी

कोच्चि (केरल). अगर मैं मलयालम में बोल पाता तो मुझे आपसे भी ज्यादा प्रसन्नता होती. लेकिन मैं अपने विचार आपके सामने हिन्दी में ही रखने जा रहा हूं. लोकार्पण समारोह, चैनल के योजनाकर्ता सभी बंधुओं का अभिनंदन करता हूं. लोकतंत्र में प्रसार माध्यम, मीडिया एक बहुत बड़ी शक्ति है. जनता की धारा को, जो वह चाहते हैं उस दिशा में मोड़ने की क्षमता रखते हैं और इसलिये यह बहुत आवश्यक हो जाता है कि इस प्रकार का मीडिया, प्रसार माध्यम, दूरदर्शन के समान चैनल किसके हाथ में है, यह देखने की आवश्यकता रहती है. और अगर इसके एमडी विश्वरूपम हैं तो यह विश्व का रूप लेकर ही हम सबके सामने आए. मीडिया बहुत ही प्रभावी माध्यम है.

जनम होता है परिष्कार, और इसलिये जनम या परिष्कार के प्रभावी साधन को उपयोग करने वालों की क्षमता, मानसिकता पर निर्भर करता है कि वह जनता को क्या देना चाहते हैं. श्री श्री रविशंकर जी ने हम सबके सामने कुछ विषय रखे कि किसे इंस्पायर करना है. यहां की युवा पीढ़ी प्रेरित होनी चाहिये, युवा पीढ़ी जीवन की एक दिशा की ओर बढ़ने वाली होनी चाहिये, जो जीवन सारे विश्व के सामने आदर्श प्रस्तुत करने के लिये खड़ा हो.

भय्या जी जोशी ने कहा कि नेशनल इश्यू, राष्ट्रीय प्रश्नों को गांव-गांव तक जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता रहती है. यह आज के समय की मांग है. सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ बातों की पूर्ति होती है, लेकिन टीवी चैनल सही दृश्य दिखाकर लोगों के मन में अच्छे भावों का निर्माण कर सकते हैं, विचारों को जागरूक कर सकते हैं, जानकारी से जनता को समृद्ध करने की ताकत रखते हैं. और इसलिये ऐसे राष्ट्रीय प्रश्नों के संदर्भ में जानकारी हर घर तक पहुंचाने का काम प्रभावी माध्यम से हो सकता है और होना चाहिये. अपने  राष्ट्रीय, सामाजिक मुद्दे व समस्याएं भी हैं, समाज की एक शक्ति भी है, भारत में समाज की अपनी कुछ विशेषताएं भी हैं, और यह प्रसार माध्यम, मीडिया केवल उत्तेजना जागरूक करने वाला नहीं, बल्कि सामान्यजन को सामाजिक प्रश्नों के संदर्भ में, सामाजिक विशेषताओं के संदर्भ में जागरूक रखने का काम बहुत प्रभावी रूप से करता आया है, और आगे भी करना चाहिये.

लेकिन दुर्भाग्य से आज टीवी चैनल केवल मनोरंजन के साधन बन गए हैं, इन सब में जनम टीवी मनोरंजन के साथ साथ चार सूत्रों पर काम करेगा, जानकारी (इंफर्मेशन), संस्कार-संस्कृति (कल्चर), मनोरंजन (एंटरटेनमेंट), जागरूकता (अवेयरनेस) से समाज को समृद्ध करेगा, यही अपेक्षा है. वर्तमान समय में चार विषयों पर प्रभावी रूप से काम करने की आवश्यकता है.

दूसरा दुर्भाग्य से आज मीडिया पक्षपातपूर्ण भी है, तथा राजनीतिक भी बन गया है, अपेक्षा है कि जनम टीवी इस संकुचित राजनीति से ऊपर उठकर काम करेगा. आज संकुचित राजनीति देश का विभाजन करने में लगी हुई है, समाज को टुकड़ों-टुकड़ों में बांट रही है. जनम टीवी सिमेंटिंग फेक्टर बनेगा, सभी को जोड़ने का काम करेगा. गैर राजनीतिक और राष्ट्रीय विचार को रखने का साधन बने मीडिया. कभी कभी मीडिया के क्षेत्र में काम करने वाले लोग लोगों को क्या चाहिये वह देने के लिये तत्पर हैं, पर जनम टीवी से आशा है कि लोगों को जो चाहिये वो नहीं, बल्कि देश को जो चाहिये वह देने का काम करेगा. यह आज के समय में आवश्यक है. लोगों की रुचि में परिवर्तन लाना एक बहुत बड़ी चुनौती है. इसके लिये सारी शक्ति के साथ खड़े रहना पड़ेगा, यह केवल बिजनेस या प्रोफेशन नहीं है.

आज के समय में केवल विचारों का प्रसार करने वाले चैनल को सफलता के लिये कठिनाई का सामना करना पड़ता है, कुछ व्यावसायिक रूप लेना पड़ता है, लेकिन व्यावसायिक रूप लेते समय कुछ मर्यादाओं का भी पालन करना पड़ता है, इसका ध्यान रखना होगा. अंत में एक बार फिर सभी बंधुओं को सफलता की शुभकामनाएं देता हूं.

मलयालम टीवी चैनल जनम के लोकार्पण समारोह में आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर, केंद्रीय मंत्री राज्य वर्धन सिंह राठौर, भाजपा महासिचव राम माधव, स्वामी पूर्णानंद पुरी, चैनल के एमडी विश्वरूपम, सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे. चैनल पर संस्कृत में समाचार बुलेटिन भी निरंतर जारी रहेगा, लोकार्पण समारोह के दौरान संस्कृत में समाचार बुलेटिन पढ़ा गया.

(केरल में जनम टीवी के लोकार्पण समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी का संबोधन)

2

Saptrang ShortFest - All Info