विकास के मापदंड पश्चिम ने अपने अनुरूप रखे हैं –इंदुमति बहन काटदरे

जयपुर (विसंकें). राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय), विद्या भारती राजस्थान, तथा भारतीय शिक्षण मंडल के संयुक्त तत्वाधान में उच्च माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर, राजापार्क जयपुर में समग्र विकास की भारतीय अवधारणा विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

मुख्य वक्ता पुनरुत्थान विद्यापीठ की कुलपति इंदुमति काटदरे जी ने कहा कि वर्तमान विकास अंग्रेजी के डेवलपमेंट का हिन्दी अनुवाद है. इसके मापदंड पश्चिम द्वारा अपने अनुरूप रखे गए हैं. यही कारण है कि देश में कितने फाइव स्टार चिकित्सालय हैं, यह विकास का प्रतीक है. कितने फाइव स्टार होटल हैं, यह विकास का प्रतीक है. लेकिन अगर हमारा स्वास्थ्य़ ठीक रहता है, हमारी दिनचर्या, ऋतुचर्या ठीक है और हम निरोगी हैं या हम अपने मेहमान को अपने घर ठहराते हैं और भोजन करवाते हैं, जिससे होटल, चिकित्सा व्यवसाय पर विपरीत असर पड़ता है तो हम पश्चिम की अवधारणा के अनुसार कम विकसित है. उन्होंने अपने संबोधन में विकास के व्युत्क्रम मापदण्डों की चर्चा करते हुए पंचकोशीय विकास की बात कही. उन्होंने शरीर, मन, बुद्धि को शुद्ध करने की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर हम पर्यावरण का ध्यान रखे बिना विकास की बात करेंगे तो वह अनुचित होगा.

कार्यक्रम की अध्यक्षता शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर जी ने की. कार्यक्रम का संचालन सुभाष कौशिक जी ने किया तथा आदर्श विद्या मंदिर के प्राचार्य रामानंद चौधरी ने गणमान्यजनों का आभार व्यक्त किया.

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